लखनऊ: अयोध्या में गुप्तार घाट से लेकर नया घाट तक प्रस्तावित सरयू रिवर फ्रंट के निर्माण का कार्य प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है. इस कार्य पर लगभग 300 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है. प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति मिल चुकी है. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की औपचारिक मुहर लगना बाकी है.
अयोध्या की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए प्रस्तावित बहु-प्रतीक्षित सरयू रिवर फ्रंट को प्रधानमंत्री कार्यालय की औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है. इसके लिए एक एनीमेटेड वीडियो तैयार कराया गया है, जिसे प्रधानमंत्री खुद भी देख चुके हैं. इसके अलावा राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री और मंत्री इस वीडियो का अवलोकन कर चुके हैं. यही वह प्रोजेक्ट है, जिस पर रामायण कालीन पौधरोपण के साथ-साथ रेस्टोरेंट भोजनालय विश्राम गृह और घाट बनाए जाने हैं.
सरयू रिवर फ्रंट पर लगने वाली टाइल्स भी कलात्मक होंगी. इसका कार्य कजरिया को दिया जा सकता है. टाइल्स निर्माता कजरिया टाइल्स इसके लिए अयोध्या में ही एक फैक्ट्री लगाने पर सहमत हो चुकी है. राज्य सरकार के अधिकारी स्टाइलिश निर्माता कंपनी से बात कर रहे हैं. पौधरोपण के लिए पौधों की नर्सरी प्रोजेक्ट कारपोरेशन खुद तैयार कराएगा. इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.
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सरयू रिवर फ्रंट के निर्माण का कार्य प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन को सौंपा गया
अयोध्या में गुप्तार घाट से लेकर नया घाट तक प्रस्तावित सरयू रिवर फ्रंट के निर्माण का कार्य प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन को सौंपा गया है. इस काम में लगभग 300 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है.
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प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक नवीन जिंदल ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रोजेक्ट को अभी राज्य सरकार की स्वीकृति नहीं मिली है. काम प्रोजेक्ट कारपोरेशन ही कराएगा. स्वीकृति मिलते ही संबंधित वीडियो और प्लान आम जनता के लिए जारी कर दिया जाएगा. प्रोजेक्ट पर 300 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है. इसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी.