अयोध्या: पवित्र मास सावन की शुरुआत हो चुकी है. पहले दिन मंदिरों और सरयू नदी के घाटों पर सन्नाटा है. प्रशासन ने दूसरे प्रदेशों और जिलों से रामनगरी की सीमा में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. संक्रमण से बचाव के कड़े निर्देश के साथ केवल लोकल स्तर पर ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है. वहीं रामनगरी के मंदिर में बैठे संत-महंत, श्रद्धालुओं और कांवड़ियों से घरों में रहकर पूजन-अर्चन करने की अपील कर रहे हैं.
बाहरी श्रद्धालुओं पर रोक. अयोध्या में लोकल स्तर पर श्रद्धालुओं को मंदिरों में दर्शन की अनुमति दी जा रही है. सावन के पहले सोमवार में शिवालयों में पहुंचकर श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई है. जनपद की सीमा पर पुलिस का कड़ा पहरा है. अयोध्या के प्रमुख शिव मंदिर नागेश्वर नाथ समेत अन्य शिवालयों में सुरक्षा बल तैनात हैं. मंदिरों में श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है.
एसपी सिटी विजय पाल सिंह ने बताया कि अयोध्या आने वाले सभी मार्गों पर प्रशासन की नजर है. दूसरे प्रदेशों और जनपद से आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. लोकल स्तर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ मंदिरों में दर्शन की अनुमति है. शिवाला और प्रमुख शिव मंदिरों के आसपास सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि सावन माह लगने से पहले ही धर्म आचार्यों और संतों के साथ बैठक कर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को लेकर चर्चा की थी. सभी की सहमति के आधार पर गुरु पूर्णिमा, सावन मेला और कावड़ यात्रा जैसे प्रमुख आयोजनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया.
वहीं अयोध्या के शिवालयों में श्रद्धालु कोरोना मुक्ति की कामना रहे हैं. श्रद्धालुु महिमा का कहना है कि वैश्विक महामारी के चलते सावन में भगवान शिव के पूजन-अर्चन पर असर पड़ रहा है. मंदिरों में श्रद्धालु विधिवत पूजा-पाठ नहीं कर पा रहे हैं. स्थानीय श्रद्धालु रेनू का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराते हुए मंदिरों में दर्शन उपलब्ध हो रहा है.