अयोध्या : रविवार की पूर्वाहन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राम नगरी अयोध्या पहुंचे जहां उन्होंने रामकथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव कार्यक्रम का शुभारंभ किया. लेकिन, राष्ट्रपति के इस अयोध्या दौरे को लेकर रामकथा पार्क के बाहर ठेला-खुमचा लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीब स्ट्रीट वेंडर्स को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. राष्ट्रपति को सब कुछ अच्छा दिखे इसके लिए नगर निगम के प्रवर्तन दल ने दबंगई के साथ रेहड़ी-पटरी वालों के ठेले-खोमचे को डम्पिंग ग्राउंड में लेकर पलट दिया. जिससे उनकी सारा सामान बर्बाद हो गया. इस दौरान गरीब महिलाएं और दुकानदार मिन्नतें करते रहे, प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनीं. पीड़ित स्ट्रीट वेंडर्स का आरोप है कि अगर उन्हें पहले बता दिया जाता तो वह अपने ठेले को कहीं और खड़ा कर देते, जिससे उन्हें नुकसान ना होता.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार की पूर्वान्ह 11:30 पर अयोध्या जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से रामकथा पार्क तक जाना था. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन ने पूरे मार्ग को साफ सुथरा बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे. इसी निर्देश के क्रम में रविवार की सुबह नगर निगम के प्रवर्तन दल ने रामकथा पार्क के बाहर सड़क के किनारे खड़े ठेले और गुमटियों को जेसीबी के जरिए उठकर डम्पिंग ग्राउंड में फेंक दिया. अयोध्या नगर निगम की इस कार्रवाई में ठेले और गुमटी में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया. इस दौरान कुछ स्ट्रीट वेंडर्स और प्रवर्तन दल के अधिकारियों के बीच कहा सुनीं भी हो गई. गरीब व्यापारियों ने यहां तक कह डाला कि जब उनका कारोबार खत्म कर दिया गया है तो उन्हें भी खत्म कर दिया जाए. व्यापारी चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि कोरोना के कारण पहले ही सब कुछ तबाह हो चुका है. गरीब आदमी भूखा मर रहा है. अब जिस तरह से बिना बताए इस तरह की कार्रवाई की गई है, उसके बाद उनके सामने मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
व्यापारियों ने की कार्रवाई की मांग
व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्ता 'नंदू' ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ अक्सर वीआईपी आगमन होता रहता है. बड़ी संख्या में ठेला-गुमटी दुकानदार सड़क के किनारे दुकान लगाकर अपनी जीविका चलाते हैं. ऐसे में उनके लिए कोई समुचित व्यवस्था की जाए या फिर जब भी कोई वीआईपी आगमन हो तो जिन स्थानों से ठेले हटाने हैं, उसकी सूचना दुकानदारों को पहले से ही दी जाए. बिना पूर्व सूचना के इस तरह की कार्रवाई से गरीब व्यापारियों के सामने भूखों मरने का संकट खड़ा हो गया है. निश्चित रूप से यह बेहद शर्मनाक है, ऐसी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. व्यापार मंडल की मांग है कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.