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इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड, किए जा रहे सर्दी से बचाने के उपाए...

अयोध्या के मंदिरों में भगवान को सर्दी से बचाने के लिए तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं. भगवान राम के लिए मंदिर में चांदी का तखत, रजाई-गद्दा और ब्लोअर की व्यवस्था की गई है, पूरी खबर पढ़िए...

इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड, किए जा रहे सर्दी से बचाने के उपाए
इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड, किए जा रहे सर्दी से बचाने के उपाए

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Published : Dec 23, 2021, 8:43 PM IST

अयोध्या :उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिन हो या रात मौसम लगभग एक जैसा ही देखा जा रहा है. ऐसे में इंसान खुद को ठंड से बचाने के लिए तमाम जतन कर रहा है. वहीं अयोध्या में भक्त और भगवान राम के बीच बेहद आत्मीय प्रेम सामने आया है.

दरअसल राम नगरी के मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म कपड़े पहनाए गए हैं और अंगीठी जलाकर गर्मी दी जा रही है. इतना ही नहीं ठंड के मौसम में रोजाना भगवान को लगाया जाने वाला भोग भी इस प्रकार से बनाया जाता है जिससे शरीर को गर्मी मिले. रोजाना कंबल, रजाई, गद्दे और गर्म कपड़ों के साथ भगवान की सेवा और पूजा की जाती है.

इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड

यह दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं. अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में श्री राम वल्लभा कुंज, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, नागेश्वरनाथ सहित सभी मंदिरों में भगवान की यह परंपरा सेवा अनवरत चली आ रही है.



चांदी के तखत पर रजाई और गद्दे में आराम कर रहे हैं रामलला

राम मंदिर में बालक के रूप में विराजमान रामलला के लिए ठंड से बचने के उपाय किए गए हैं. रामलला के सोने के लिए गद्दा, रजाई और मच्छरदानी उपलब्ध कराई गई है. जिस स्थल पर रामलला का शयय काल होता है, उस जगह पर पूरी रात ब्लोअर लगाया जाता है. राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला और उनके भाइयों की सेवा बालक के रूप में की जाती है. ऐसे में ठंड से बचने के लिए उनको गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. साथ ही उनके सोने के लिए रात्रि में गद्दे और रजाई की व्यवस्था की जाती है. रामलला के लिए चांदी के तखत पर रजाई और गद्दे की व्यवस्था की गई है.

इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड, किए जा रहे सर्दी से बचाने के उपाए

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रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामलला के शयन के लिए गद्दा रजाई और कंबल पहले से ही था. पूर्व में विराजमान रामलला को उनके सिंहासन से हटाकर उसी स्थान पर शयन कराया जाता था. अब किसी भक्त ने भगवान रामलला को शयन कराने के लिए 2 अलग-अलग गद्दा,रजाई और ब्लोअर दिया है. अब राम-लक्ष्मण को एक साथ तथा भरत-शत्रुघन को एक साथ रामलला के अस्थाई भवन में शयन कराया जा रहा है. भगवान को ठंड न लगे, इसके लिए रात भर ब्लोअर चलाकर वातावरण को गर्म रखा जाता है.

इंसानों की तरह भगवान को भी लगने लगी ठंड, किए जा रहे सर्दी से बचाने के उपाए

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