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लो भइया! अमरोहा के खड़कपुर में प्रॉब्लम परमानेंट है

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक गांव के लोग करीब 20 साल से तरक्की की राह देख रहे हैं. गंगा नदी के पास बसे इस गांव को हर साल बाढ़ का शिकार होना पड़ता है. गंगा के पास होने के बाद भी यहां के ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ पानी भी नसीब नहीं होता है. गांव में आने वाले रास्ते रेत और मिट्टी से अटे पड़े हैं. जिस पर गाड़ी चलाना भी मुश्किल है.

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Published : Nov 19, 2020, 6:22 AM IST

Updated : Nov 19, 2020, 12:47 PM IST

development work in kharagpur village of amroha
अमरोहा के खड़कपुर गांव में नहीं हुए विकास कार्य.

अमरोहा: जनपद के गजरौला विकासखंड क्षेत्र का गांव है खड़कपुर. इस गांव में सुविधा कम और समस्या ज्यादा हैं. इस गांव में हर साल बारिश के मौसम में बाढ़ आती है. गंगा का पानी इस गांव को कमोवेश पूरी तरह से डुबो देता है. बाढ़ के बाद पानी उतरता तो है, मगर गांव के रास्तों को रेत-मिट्टी से पाट जाता है. बाढ़ के दौरान गांव जलमग्न होता है. मगर यहां पीने के पानी की दिक्कत होती है. बाढ़ के बाद भी यहां के लोगों को साफ पानी मयस्सर नहीं होता है.

सड़क का नहीं हो सका निर्माण.

खड़कपुर गांव के रहने वाले बलराम सिंह का कहना है कि सन 2019 में भी पंचायत ने सड़क और पानी के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था, मगर किसी अधिकारी ने प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी यहां की दिक्कत बताई गई, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया. यहीं की मायावती देवी ने बताया कि रेत वाले रास्तों पर चलना मुश्किल है. बरसात में यहां चार महीने पानी भरा रहता है. वोट देते हैं, मगर विकास नहीं हुआ.

खड़कपुर गांव.

खड़कपुर की पहचान गंगा के किनारे बसे गांव के तौर पर होती है. करीब 20 साल पहले यह गांव मोहम्मदाबाद का हिस्सा था. सन् 2002 में यह गांव अलग बस गया. आज भी यह गांव मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत का हिस्सा है. इसे लोग गंगा खादर के नाम से भी जानते हैं.

खड़कपुर गांव के लोगों का आरोप है कि यहां के ग्राम प्रधान विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं देते. बरसात के मौसम में उनका निकलना दुश्वार हो जाता है. बारिश में लोग अधिकतर समय घर में ही रहते हैं. बच्चे भी इसी कारण शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते. गांव के सरपंच भी सड़क निर्माण के बारे में बात करने पर टरका देते हैं .

Last Updated : Nov 19, 2020, 12:47 PM IST

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