अमेठी: जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि (District Panchayat President Rajesh Agrahari) ने संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Hospital) को लेकर गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग फ्री में इलाज का दावा करके गरीबों को लूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि नियम के अनुरूप अस्पताल चलाना हो तो चलाएं हम लोग इन्हें लूट का ठेका नही चलाने देंगे. उक्त बातें राजेश अग्रहरि ने रविवार देर शाम को भारी भीड़ के साथ मशाल जुलूस निकालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कही.
जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि ने रविवार को मशाल जुलूस निकालने के बाद कहा कि हमारी सांसद और हमारी सरकार का मंतव्य नहीं है कि अस्पताल बंद हो जाए परंतु यह लोग अस्पताल चलाना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं उदाहरण देना चाहता हूं कि जब मायावती मुख्यमंत्री थी तब उन्होंने मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए इनको अनुमति दी थी. मेडिकल कॉलेज चलने की अनुमति मिलने के बाद सपा और बसपा की सरकारी आई सभी सरकार उनके सहयोग से चल रही थी, बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज आज तक क्यों नहीं चला.
उन्होंने गांधी परिवार पर सवाल करते हुए कहा कि सचल स्वास्थ्य सेवाओं में 125 कर्मचारी काम कर रहे थे. सचल स्वास्थ्य सेवा की नौ गाड़ियां तत्कालीन सांसद कैप्टन शर्मा ने सांसद निधि से खरीदीं थी, इन्होंने बिना किसी को बताए 125 लोगों को बेरोजगार कर दिया. उन्होंने पूछा कि वह नौ गाड़ियां कहां चली गई, इसका जवाब दें. यदि यह गाड़ियां सरकार के पैसे से खरीदी गई थी तो यह गाड़ियां सरकारी अस्पताल में दी गई होती तो अमेठी की आम जनता को उसका लाभ मिलता.
उन्होंने कहा कि यह कहते हैं कि हम फ्री इलाज कर रहे हैं. फ्री इलाज के नाम पर गरीब जनता से चार गुना पैसा वसूल रहे हैं. साधारण अच्छे से अच्छे नर्सिंग होम में माइनर पथरी का ऑपरेशन 20 से 25000 रुपए में हो जाता है. उनके यहां 75000 रुपए देने के बाद अकुशल डॉक्टर जो इसको योग्य नहीं है, वह इलाज करते हैं. महिला को ओवरडोज एनेस्थीसिया देकर मार दिया गया और आज वह गरीब का परिवार असहाय हो गया. उसकी 9 महीने की संतान बिना मां की हो गई है. हम सब यह चाहते हैं कि जो कुछ भी हो जो सरकार में इन्होंने लिख कर दिया है जो अदालत में एफिडेविट दिए हैं उसके अनुसार चलाएं. अस्पताल को लूट का ठेका हम लोग नहीं चलाने देंगे.
उन्होंने कहा कि इनके द्वारा स्वास्थ्य सेवा में कोई कार्य नहीं किया गया जिसे लेकर जनता के बीच में यह डिस्कस कर सकें इसीलिए यह फोर्थ और थर्ड ग्रेड के कर्मचारी को नौकरी का झांसा देकर के व्यापारियों को झांसा देकर के एक फर्जी गुब्बारा फूला रहें है. आज हम लोगों वही गुब्बारा जनता के सामने रखा है. अगर उनकी मंशा अमेठी की जनता की स्वास्थ्य सेवा बहाल करने की होती तो यह मेडिकल कॉलेज चलाते होते. गरीबों का इलाज 2 रुपए के पर्चे पर करते होते.