अम्बेडकरनगर:जिले में धान क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बता दें कि किसानों को पहले धान बेचने में मुसीबत और अब उसके भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है. जिले में संचालित 25 पंजीकृत समितियां किसानों का तकरीबन 24 करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं. वहीं खुशहाल किसान का सरकारी दावा सिर्फ फाइलों की शोभा बढ़ा रहा है.
धान की 35 करोड़ रुपये की खरीदारी क्रय केंद्रों के साथ 25 पंजीकृत सिमितियां बनाई गई हैं
किसानों के धान की फसल खरीदने के लिए जिले में सरकारी क्रय केंद्रों के साथ 25 पंजीकृत समितियों को भी खरीद के लिए अधिकृत किया गया था. इन समितियों ने बड़े पैमाने पर धान की खरीद करते हुए लगभग 35 करोड़ रुपये की खरीद कर डाली है. लेकिन इसके भुगतान के लिए किसानों को महीनों से भटकना पड़ रहा है.
समितियों ने 11 करोड़ रुपये का किया भुगतान
बता दें सरकार किसानों के द्वारा बेचे गए फसल का भुगतान महज 72 घण्टे में करने का दावा कर रही थी. लेकिन किसानों को अब अपनी फसल के भुगतान के लिए भाग-दौड़ करनी पड़ रही है. वहीं बनाई गई समितियों ने 11 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है, लेकिन अब भी किसानों का 24 करोड़ रुपये दबाए बैठी है.
किसान वीरेंद्र कुमार, दिनेश और राम दयाल का कहना है कि डेढ़ महीने पहले इन समितियों को धान बेचा गया था, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिल सका. जिसके चलते रबी की फसल की बुआई में देरी हो रही है.
धान की और अधिक खरीद करने पर रोक
जिलाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि 25 समितियों पर 35 करोड़ का बकाया होने के चलते धान की और अधिक खरीद करने पर रोक का निर्देश दिया गया है. वहीं अब तक 11 करोड़ का भुगतान हुआ है. इन समितियों को जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया गया है, जो समितियां भुगतान कर लेंगी उन्हें खरीद की अनुमति दोबारा से दी जाएगी.