अलीगढ़ःअल्पसंख्यक आयोग के प्रदेश अध्यक्ष अशफाक सैफी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड इस देश के लिए बहुत जरूरी है. इससे अल्पसंख्यकों के कल्याण, उनकी तरक्की और बच्चों को अच्छी शिक्षा और न्याय मिलेगा. कहा है कि एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर हो ताकि दीनी तालिम के साथ ज्ञान भी हासिल करें. आर्टिकल 44 के तहत यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि देश का मुसलमान पिछड़ा, गरीब और अशिक्षित है, इसको अच्छी शिक्षा मिले और गरीबी दूर हो. हालांकि कुछ लोग साजिशन नहीं चाहते कि मुसलमानों को बराबरी का हक, समानता का अधिकार मिले. आज उन्हीं लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. ये बातें अशफाक सैफी ने सोमवार को सर्किट हाउस में वक्फ से जुड़ी समस्याओं को लेकर बेठक में कहीं.
अल्पसंख्यकों को मोदी सरकार की योजनाओं का मिला लाभ
अल्पसंख्यक आयोग के प्रदेश अध्यक्ष अशफाक सैफी ने कहा कि प्रधानमंत्री के 9 साल का शासन गरीब कल्याण के लिए रहा है. बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है. जिसमें पक्के आवास, आयुष्मान कार्ड, उज्जवला योजना, मुफ्त राशन, शौचालय, जनधन के खाते का लाभ भी अल्पसंख्यक गरीब को मिला है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने बच्चों को शिक्षा, समानता का अधिकार की बात कही है. इससे मुसलमानों को फायदा होने वाला है. मुसलमानों की तरक्की होने वाली है.
उन्होंने कहा कि यूसीसी का वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो मुसलमानों की तरक्की का विरोध करते हैं. मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझते हैं, क्योंकि अब मुसलमान समाझ चुका है कि 9 साल भय और भ्रम की स्थिति पैदा करते रहे हैं कि मोदी जी आ जाएंगे तो मुसलमानों को रहने नहीं देंगे. लेकिन अब मुसलमान समझ गया है कि हमारे अधिकारों के बात कोई करता है तो वह प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी करते हैं. उन्होंने कहा कि 6 साल योगी जी के और 9 साल पीएम मोदी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के अंदर कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ. इस समय मुसलमान बहुत खुशहाल है, क्योंकि जब भी दंगा होता था. नुकसान इंसानियत का होता था और मुसलमानों का होता था.
60 साल तक राजा-महाराजाओं वाली मुस्लिम लीडरशिप रही
वहीं, पसमांदा मुसलमान के सवाल पर अशफाक सैफी ने कहा कि 60 साल तक जो मुस्लिम लीडरशिप रही. वह राजा-महाराजा की तरह रहे. बड़े लोगों की तरह रहे. चाहे वह आजम खान हो या सलमान खुर्शीद जैसे लोग बड़े खानदान के रहे हैं. आज उनको तकलीफ हो रही कि जो 80% पसमांदा समाज है, जिसमें बढ़ई, लोहार, सैफी, धोबी, नाई, सलमानी इन सब की बात की जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि जो 80% आबादी है, वह 60 साल में राजनीतिक रूप से वंचित, पिछड़ी रही है. हमारे वोटों का प्रयोग कर बड़े खानदान के लोग नेता बने बनते थे और हम लोग पिछड़े रह गए और पीएम मोदी ने पसमांदा समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है. इसीलिए बड़े घराने के नेताओं के पेट में दर्द होता है.