अलीगढ़: स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा लगाव था. उन्होंने देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया था. उस समय विश्वविद्यालय ने उन्हें 'डॉक्टरेट ऑफ थियोलॉजी' की मानद उपाधि से नवाजा था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उन्हीं के नाम पर मौलाना आजाद लाइब्रेरी भी बनी है, जो कि एशिया की प्रमुख लाइब्रेरीज में शुमार है.
अबुल कलाम के नाम पर बनी लाइब्रेरी में 15 लाख किताबों के साथ ही दुर्लभ पांडुलिपियों व ऐतिहासिक किताबें भी हैं. अबुल कलाम के जन्म दिवस पर उन्हें एएमयू में याद किया गया. वहीं, उनके नाम पर ही नेशनल एजुकेशन डे मनाया जाता है. बता दें कि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना मौलाना आजाद ने ही की थी.
मुख्य अतिथि के तौर पर हुए थे शामिल
11 नवंबर के दिन मौलाना आजाद का जन्म 1888 में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. मौलाना अबुल कलाम आजाद 20 फरवरी 1949 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. स्ट्रैची हॉल में हुए समारोह में भाषण भी दिया था. तब एएमयू के कुलपति पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन थे. हालांकि इसके बाद अबुल कलाम का एएमयू में आना नहीं हुआ, लेकिन लगातार उनका संपर्क यहां से बना रहा.