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AMU की नींव पड़ने से पहले ही संस्कृत भाषा को दिया गया था महत्व

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव पड़ने से पहले संस्कृत भाषा को महत्व दिया गया था. सन् 1924 में इस विश्वविद्यालय में उर्दू के एक भी छात्र नहीं थे, जबकि संस्कृत के 4 छात्र थे.

एएमयू में दिया जाता है संस्कृत भाषा को महत्व.

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Published : Nov 24, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Nov 24, 2019, 7:04 PM IST

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव पड़ने से पहले ही संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सर सैयद अहमद खान ने पहल की थी. सन् 1873 के ड्राफ्ट में तय हो गया था कि संस्कृत भाषा को यह प्रमुखता दी जाएगी. जब यह मदरसा बना था तब अन्य भाषाओं के साथ संस्कृत को भी शामिल किया गया था.

एएमयू में दिया जाता है संस्कृत भाषा को महत्व.

उस वर्ष केदारनाथ नाम के शिक्षक छात्रों को संस्कृत पढ़ाया करते थे. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा को महत्व दिया जाता रहा है. सन् 1924 में यहां एमए उर्दू में एक भी छात्र नहीं थे, जबकि संस्कृत में यहां के 4 छात्र पढ़ रहे थे.

1920 से ही यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जा रहा हैं संस्कृत
जब 1920 में अलीगढ़ यूनिवर्सिटी बनी तो हिंदी डिपार्टमेंट में ही संस्कृत शामिल था. इस विश्वविद्यालय में अब्दुल फैजी की लिखी गीता भी रखी है. दाराशिकोह की लिखी किताबें यहां महफूज हैं. एएमयू के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषाओं की कद्र की गई है. यहां जुबान का ताल्लुक किसी मजहब से नहीं होता है, बल्कि इल्म से होता है. उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान में संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है उसी से सारी जुबानी निकली है.

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संस्कृत से पीएचडी करने वाली बनी पहली महिला
दुनिया में सबसे पहले संस्कृत में पीएचडी करने का दावा करने वाली मुस्लिम महिला सलमा महफूज है. इन्होनें 1967 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी किया था. प्रो. आरपी त्रिपाठी के सानिध्य में उन्होंने पीएचडी पूरी की थी. उनकी पीएचडी संस्कृत नाटकों में महिला की भूमिका विषय पर थी.

उन्होंने दारा शिकोह पर भी काम किया. उस समय लड़कियों के पढ़ने का इतना रिवाज नहीं था, लेकिन सलमा महफूज मुस्लिम होते हुए भी संस्कृत में पीएचडी किया और करीब 12 से अधिक किताबें संस्कृत में लिखीं. सलमा डिवाई की रहने वाली है और बिजनौर कॉलेज में पढ़ाती थीं. बीएचयू में प्रो. फिरोज मामले में कुछ भी बोलने से मना किया और वह विवादों से दूर रहना चाहती हैं.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 9 शिक्षक पढ़ा रहे हैं संस्कृत
संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर शरीफ ने भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी लिट् की उपाधि हासिल की थी. एएमयू के संस्कृत विभाग में 9 शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जिसमें दो मुसलमान हैं और सात गैर मुस्लिम है. यहां मुस्लिम छात्र संस्कृत के विद्यार्थी के रूप में पढ़ रहे हैं.

Last Updated : Nov 24, 2019, 7:04 PM IST

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