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अलीगढ़: बिजली के बिल को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, 38 पर FIR दर्ज - कांग्रेस का प्रदर्शन

यूपी के अलीगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिजली के बिल को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाए. इस प्रदर्शन को लेकर 38 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

बिजली के बिल को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन
बिजली के बिल को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन

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Published : Jul 11, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 10:44 PM IST

अलीगढ़:जिले में गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने बंद पड़े उद्योग धंधों के बिजली के बिलों को माफ करने की मांग को लेकर धर्मपुर कोर्टयार्ड में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने के दौरान नियमों के उल्लंघन को लेकर 38 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ थाना क्वार्सी में मुकदमा दर्ज किया गया.

38 लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल व उनके 38 कांग्रेसी समर्थकों पर यह मुकदमा धारा 188, 269, 270, महामारी अधिनियम व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है. आरोप है कि कोरोना वायरस को लेकर धारा 144 लागू है. इसके बावजूद बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं आरोप है कि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया. इससे सरकारी आदेश का उल्लंघन हुआ है.

सरकार अपना रही दमनकारी नीति

विवेक बंसल ने कहा है कि प्रशासन ने मेरे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है. प्रशासन का यह कदम सरकार की दमनकारी नीतियों का परिचायक है. उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता के हितों का गला घोट रही है. अगर कोई व्यक्ति जनता के हितों की हत्या के खिलाफ आवाज उठाता है. तो उस आवाज को सरकार दबाना चाहती है.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया गया था. जिसमें कोरोना काल में बंद पड़े उद्योग धंधों के बिजली के बिलों को माफ करने की मांग की गई थी. वहीं शनिवार को एक बार फिर धर्मपुर कोर्टयार्ड में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विकास दुबे के एनकाउंटर की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया.

एनकाउंटर पर उठाए सवाल

राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने कहा कि विकास दुबे अपने कृत्यों के चलते फांसी पर लटकाए जाने का पात्र था, लेकिन जिस तरह से उसका एनकाउंटर हुआ, वह संदेह के दायरे में है. उसको राजनैतिक संरक्षण व प्रशासनिक कवच का राज खोले बिना ही मौत के घाट उतार दिया गया. इससे सरकार की नियत साफ नहीं दिखती है. इसलिए राजनैतिक व प्रशासनिक रसूख के खुलासे के लिये सीबीआई जांच कराई जाए.

Last Updated : Jul 11, 2020, 10:44 PM IST

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