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अलीगढ़: AMU के मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना संक्रमितों का इलाज  

यूपी के अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमितों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा. कुलपति तारिक मंसूर ने 29 लाख रूपये की लागत से जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कॉलेज के ब्लड बैंक के लिए एक नई प्लाजमा मशीन की खरीद की संस्तुति प्रदान कर दी है.

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जेएन मेडिकल कॉलेज.

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Published : Jul 25, 2020, 6:40 PM IST

अलीगढ़: एएमयू जल्द ही कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ करेगा. कुलपति तारिक मंसूर ने 29 लाख रूपये की लागत से जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कॉलेज के ब्लड बैंक के लिए एक नई प्लाजमा मशीन की खरीद की संस्तुति प्रदान कर दी है.

तारिक मंसूर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के इलाज में प्लाजमा थेरेपी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहायक सिद्ध हुई है. परन्तु प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्ति के लिए आवश्यक है कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो. कम से कम 17 वर्ष की आयु का हो. उन्होंने कहा कि प्लाजमा दान करने वाले व्यक्ति की लंबाई और वजन के अनुरूप उसके शरीर में उपलब्ध रक्त की मात्रा के हिसाब से प्लाज्मा दान लिया जाता है.

जेएन मेडिकल कॉलेज में 40 हजार से अधिक कोरोना नमूनों की जांच

कुलपति ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कॉलेज को सरकार ने कोविड-19 लेवेल-2 अस्पताल की मान्यता प्रदान की. इस अस्पताल में अब तक 40 हजार से अधिक कोरोना नमूनों की जांच की जा चुकी है. इसके लिए दो आरटी-पीसीआर मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेएन मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विभागों द्वारा नॉन-कोविड मरीजों के लिए टेलीमेडीसिन व्यवस्था के अंतर्गत चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है.

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपिल प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के लिए प्लाज्मा थेरेपी के प्रयोग से पूर्व इसकी उपयोगिता पर गहन शोध एवं जांच की आवश्यकता है. मेडीसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शादाब अहमद खान ने कहा कि इस थेरेपी के सफल संचालन के लिए आवश्यक है कि प्लाजमा में संक्रमण के प्रतिरोधक तत्वों की मात्रा प्रचुर हो. अन्यथा संक्रमित रोगी को इस थेरेपी से कोई लाभ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह थेरेपी तभी सफल होगी, यदि इस थेरेपी से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक शक्ति में बढ़ोत्तरी हो. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सीय दिशा-निर्देश में कहा गया है कि प्लाजमा थेरेपी का उपयोग कोविड-19 रोगियों की सहमति से ही किया जायेगा. इस दौरान उनकी बारीकी से निगरानी की जाएगी.

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