अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के स्थाई कुलपति की चयन प्रक्रिया पर अखिल भारत हिंदू महासभा (All India Hindu Mahasabha) ने सवाल उठाए हैं. हिंदू महासभा ने राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्र लिखा है. इसमें आरोप लगाया है कि वर्तमान कार्यवाहक कुलपति ने मनमाने तरीके से कार्यकारी परिषद की बैठक को संचालित कर अपनी पत्नी को विश्वविद्यालय कुलपति हेतु नामित कर लिया, जिनकी योग्यता भी विश्वविद्यालय कुलपति के लिए नहीं है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडे ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं.
पत्र में उठाई गईं ये मांगें: राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में हिन्दू महासभा ने कहा है कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय है, वही नियम यहां पर लागू होने चाहिए, यह मदरसा नहीं है, न ही वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित है. उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) द्वारा चयनित पैनल जिसमें पांच नाम शामिल हैं, उसमें तीन की योग्यता कुलपति के लिए नहीं है. इस पैनल को वापस किया जाए और वर्तमान कार्यवाहक कुलपति को निर्देशित किया जाए कि वह इस पैनल को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की निर्धारित कोर्ट बैठक के लिए न भेजें.
आगामी 6 नवंबर को होने वाली कोर्ट बैठक को निरस्त किया जाए. मांग की गई है कि कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज को कार्यकारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता न करने के निर्देश दिये जाएं, क्योंकि उनकी पत्नी नईमा गुलरेज खुद कुलपति की दावेदार हैं. ऐसी स्थिति में चयन समिति का अध्यक्ष किसी प्रशासनिक अधिकारी अथवा किसी वरिष्ठ डीन को बनाए जाए ताकि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संचालित हो सके. पत्र की प्रति देश के शिक्षा मंत्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, कानून मंत्री व यूपी के मुख्यमंत्री को भी प्रेषित की गई है.
ये है पूरा मामलाः दरअसल, बीते दिनों एएमयू की कार्यकारी परिषद की बैठक हुई थी. इस बैठक में संस्थान के कुलपति पद के लिए 5 लोगों के नामों के पैनल का चयन किया गया था. ये पांचो नाम 6 नवंबर को होने वाली एएमयू कोर्ट की बैठक में रखे जाएंगे. इनमें से तीन नाम वोटिंग के जरिए चुनकर राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे. राष्ट्रपति जिसे चुनेंगी उसे एमएमयू के कुलपति पद की जिम्मेदारी दी जाएगी. एएमयू के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रोफेसर नईमा गुलरेज का नाम भी पैनल में शामिल है. इसे लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा ने आपत्ति उठाई है और इसकी शिकायत राष्ट्रपति से की है. साथ ही संगठन की ओर से कोर्ट जाने को लेकर भी तैयारी की जा रही है.