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आगरा : पंजाब नेशनल बैंक कर रहा हेराफेरी, प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज

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Published : Jul 18, 2019, 6:56 PM IST

यूपी के आगरा जिले में पंजाब नेशनल बैंक में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. पिछले पंद्रह दिन में कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिनमें बैंक ने खाताधारकों के साथ हेराफेरी की है. इससे गुस्साए लोगों ने शाखा प्रबंधक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करा दी है.

हेराफेरी से गुस्साए ग्रामीणों ने पंजाब नेशनल बैंक में किया हंगामा.

आगरा: एत्मादपुर तहसील के कस्बा बरहन स्थित पंजाब नेशनल बैंक में खाताधारकों के साथ हेराफेरी का मामला सामने आया है. यहां खाता खोलते समय बैंक कर्मचारी गलत खाता संख्या देते हैं. ऐसे में खाताधारक लगातार फर्जी खाते में पैसे जमा करता रहता है. पंद्रह दिन में इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुवार को शाखा प्रबंधक का घेराव किया. साथ ही इस मामले में पूर्व प्रधान ने शाखा प्रबंधक के खिलाफ थाने में तहरीर दी है.

ग्रामीणों ने पंजाब नेशनल बैंक में किया हंगामा.

15 दिन में तीन मामले आए सामने
1. पहली घटना

स्थानीय महिला वर्षा देवी को खाता खोलते समय जो खाता जारी किया था वह उसमें लगातार पैसे जमा कराती रहीं. दस दिन पहले वह कैश निकालने बैंक पहुंची तो बैंककर्मियों ने पैसे देने से इनकार कर दिया. बैंककर्मियों का कहना था कि उसने जिस खाते में पैसे जमा किए हैं वह पड़ोसी गांव खेड़ी का निवासी है. वर्षा के पास फोटो और सत्यापित की हुई पासबुक भी है. इसके बाद वह लगातार पैसे निकालने के लिए बैंक के चक्कर काटती रही. दो दिन पहले जब वह दोबारा बैंक पहुंची तो वहां मौजूद दलाल ने रकम निकलवाने के लिए पैसों की मांग की.

2. दूसरी घटना
दूसरा मामला कस्बा बरहन निवासी पूर्व प्रधान अनिल कुमार वर्मा का है. अनिल कुमार वर्मा ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत लोन कराया था, जिसकी बैंक ने लोन खाता संख्या जारी की थी. वह इस खाते में लगातार लोन की किस्त जमा करते रहे. दस महीने बाद फील्ड मैनेजर ने उनको बताया कि आपका खाता एनपीए हो गया है, आप जल्द से जल्द धनराशि जमा करा दें. अनिल ने फील्ड ऑफिसर को सारे दस्तावेज दिखाए गए तब पता चला कि उनको जो खाता संख्या दी गई थी वह गलत है और वह अब तक का भुगतान दूसरे खाते में जमा करते रहे. गुरुवार को अनिल वर्मा ने थाना बरहन में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बैंककर्मियों की गलती की वजह से उनकी सिविल रिपोर्ट खराब हो गई है. अगर उसमें शाखा प्रबंधक ने संशोधन नहीं कराया तो वह 7 दिन के अंदर आत्महत्या कर लेंगे.

3. तीसरी घटना
दो सप्ताह पहले नजदीकी गांव की एक महिला के खाते से धनराशि निकालकर किसी दूसरे खाताधारक को दे दी गई. जब वह अपने खाते से रुपये निकालने पहुंची तो उसे बताया गया कि आपके खाते में पर्याप्त राशि नहीं है. उसने अपनी पासबुक दिखाई तो शाखा प्रबंधक ने इसे बैंक की भूल करार दिया.

इस पूरे प्रकरण में शाखा प्रबंधक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.

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