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ऐसी लेटलतीफी शहादत का अपमान! डेढ़ घंटे देर से पहुंचे मंत्री लक्ष्मी नारायण, इंतजार करता रहा शहीद का परिवार - गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण

गन्ना विकास मंत्री और जिले के प्रभारी चौधरी लक्ष्मी नारायण शहीद पैरा कमांडो सचिन लौर (Martyr Para Commando Sachin Laur) के अंतिम यात्रा में पहुंचे. मंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का धरोहर बन गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 25, 2023, 11:04 AM IST

Updated : Nov 25, 2023, 12:20 PM IST

मंत्री लक्ष्मी नारायण बोले.

अलीगढ़:उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री और जिले के प्रभारी चौधरी लक्ष्मी नारायण अलीगढ़ पहुंचे. मंत्री यहां शहीद पैरा कमांडो सचिन लौर के घर पहुंचकर उनके परिजनों के साथ दुःख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के माता-पिता के खाते में 50 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. वहीं, सामने आया है कि मंत्री जी शहीद के घर के डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे. परिजन इंतजार करते रहे और रात करीब 9 बजकर 30 मिनट पर मुखाग्नि दी गई.

गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण ने राष्ट्र की सेवा में शहीद हुए पैरा कमांडो श्री सचिन लौर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों ने शहीद के नाम पर गेट बनवाने का वायदा किया है. राज्य मंत्री अनूप बाल्मीकि ने भी शहीद के नाम पर योगदान देने के लिए कहा है.

मंत्री ने आगे कहा कि यह दुख की घड़ी है, इसकी पूर्ति मां-बाप, भाई-बहन के लिए कोई नहीं कर सकता है, लेकिन यह गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति केवल परिवार का धरोहर नहीं, बल्कि पूरे देश का धरोहर बन गया है. यह गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि दुश्मन की गोली पीठ पर लगती है तो यह कहा जाता है कि मरने से डरा होगा, लेकिन सचिन के सीने में गोली लगी और सचिन हंसते हंसते देश के लिए शहीद हो गया.

मंत्री चौधरी नारायम ने कहा कि निश्चित रूप से हमारा जो पड़ोसी देश है. वह आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहता है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री पाकिस्तान और हमास के खिलाफ है. निश्चित रूप से आतंकवाद को मूल रूप से समाप्त करने के लिए भारत वर्ष पूरी दुनिया के उन देशों के साथ है जो आतंकवाद के खिलाफ है.

बता दें कि प्रभारी मंत्री शहीद के अंतिम यात्रा के दौरान देर रात डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे. अंतिम संस्कार के लिए शहीद सचिन के परिवार को इंतजार करना पड़ा. वहीं, बलिदानी सचिन को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद के भाई विवेक लौर ने मुखाग्नि दी.

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Last Updated : Nov 25, 2023, 12:20 PM IST

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