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अलीगढ़: मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया अस्पताल मे तोड़फोड़

अलीगढ़ के सिविल लाइन थाना अंतर्गत पड़ने वाले कृष्णा हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ किया. बताया जा रहा है कि मरीज डेंगू से पीड़ित था और हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही से मरीज की मौत हो गई.

परिजनों ने किया अस्पताल मे तोड़फोड़
परिजनों ने किया अस्पताल मे तोड़फोड़

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Published : Oct 19, 2021, 2:33 PM IST

अलीगढ़:अलीगढ़ के सिविल लाइन थाना अंतर्गत पड़ने वाले कृष्णा हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ किया. बताया जा रहा है कि मरीज डेंगू से पीड़ित था और हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही से मरीज की मौत हो गई. हालांकि, उक्त घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने.

बताया जा रहा है कि कृष्णा हॉस्पिटल में थाना जवा क्षेत्र के सुनैना इलाके के निवासी हरिश को डेंगू के इलाज के लिए बीते 11 अक्टूबर को यहां भर्ती कराया गया था. वहीं, 14 अक्टूबर को उनको डिस्चार्ज कर दिया गया.

इसके बाद 16 अक्टूबर को फिर से उनकी तबीयत बिगड़ने की सूरत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालात अधिक खराब होने के कारण अचानक अस्पताल की ओर से उन्हें कहीं और इलाज के लिए जाने को कहा गया.

मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया अस्पताल मे तोड़फोड़

इस बीच हरिश की हालत लगातार बिगड़ती गई. आखिरकार उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. परिजनों ने हरिश का अंतिम संस्कार करने के बाद कृष्णा हॉस्पिटल पहुंचे और जमकर हंगामा किया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही से हरिश की मौत हुई है.

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परिजनों का कहना है कि जब हरिश की हालत ठीक नहीं थी तो उन्हें डिस्चार्ज क्यों किया गया और जब दोबारा भर्ती कराने के लिए आए तो भर्ती क्यों नहीं लिया गया. हरिश के पिता राजेंद्र ने बताया कि हरिश को पीलिया भी थी और यहां इलाज करने के दौरान पीलिया की दवा नहीं दी गई और केवल डेंगू का इलाज किया गया.

पिता राजेन्द्र ने बताया कि कृष्णा हॉस्पिटल में 3 दिन ट्रीटमेंट दिया गया. उसके बाद डिस्चार्ज कर दिया और कहा गया कि हरिश बिल्कुल ठीक है.

पैथोलॉजी जांच में पीलिया भी सामने आई थी. लेकिन पीलिया का कोई इलाज नहीं किया गया और डिस्चार्ज कर दिया गया था, जिसके बाद हरिश की किडनी और लीवर खराब हो गई. घर ले जाने के बाद हालत बिगड़ने पर कृष्णा अस्पताल के डॉक्टर से परामर्श किया. लेकिन उन्होंने हल्के में लिया.

जब दर्द ज्यादा हुआ और दोबारा भर्ती करने के लिए लाया गया तो कहा गया कि इन्हें पीलिया है और इन्हें दूसरी जगह दिखाया जाए. हालांकि, परिजन नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में हरिश को दिखाने के लिए ले गए और वहां बताया गया कि पहले इलाज सही नहीं किया गया, जिसके कारण मरीज की स्थिति बिगड़ गई है. पीलिया बढ़ने से शरीर के अन्य ऑर्गन फेल हो गए और हरिश की मौत हो गई.

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