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शिक्षा मंत्री के गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग ने मांगी इच्छा मृत्यु, जानें क्या है उनकी पीड़ा ? - अलीगढ़ लेटेस्ट न्यूज

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के पैतृक गांव मढौली निवासी बुजुर्ग महिला और पुरुष ने समाधान दिवस पर इच्छा मृत्यु की मांग की. बुजुर्गों ने जिला अधिकारी सेल्वा कुमारी व एसएसपी कलानिधि नैथानी को एक पत्र दिया. पत्र में उन्होंने अपनी जमीन विवाद की पूरी व्यथा बताते हुए इच्छा मृत्यु मांगी है.

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शिक्षा मंत्री के गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग ने मांगी इच्छा मृत्यु

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Published : May 8, 2022, 10:50 AM IST

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के पैतृक गांव मढौली निवासी बुजुर्ग महिला और पुरुष ने समाधान दिवस पर इच्छा मृत्यु की मांग की. बुजुर्गों ने जिला अधिकारी सेल्वा कुमारी व एसएसपी कलानिधि नैथानी को एक पत्र दिया. पत्र में उन्होंने अपनी जमीन विवाद की पूरी व्यथा बताई है. इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि लंबे समय से वो लोग अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. इसलिए उन्होंने पत्र में अनुरोध किया है कि उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए. इस दौरान समाधान दिवस पर तहसील पहुंचे शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि पीड़ितों की समस्या का संपूर्ण समाधान होगा.

शनिवार को अलीगढ़ की पांचों तहसीलों समेत अतरौली में समाधान दिवस का आयोजन हुआ. इसमें शिक्षा मंत्री संदीप सिंह सहित जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, एसएसपी कलानिधि नैथानी व तहसील स्तरीय तमाम अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान अतरौली तहसील के गांव मढौली निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग हरप्रसाद व उनके छोटे भाई की 65 वर्षीय पत्नी सुषमा देवी अपने बच्चों के साथ तहसील पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने डीएम व एसएसपी को पत्र सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की.

अपनी व्यथा बताते हुए पीड़ित

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बुजुर्गों ने बताया कि उनके परिवार के लोगों से प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है. लंबे अरसे से वो सरकारी दफ्तरों व अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आरोप है कि दूसरी पार्टी से अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यालय में ही बैठकर रिपोर्ट लगा दी जाती है. उनकी जमीन पर पहुंचकर मौके पर जब कोई काम कराया जाता है तो उनके विरोधी जान से मारने को आमदा हो जाते हैं.

पीड़ित पक्ष जब अतरौली तहसील में जाता है तो उनसे अभद्रता करते हुए भगा दिया जाता है. लंबे समय से भाग-दौड़ के बावजूद न्याय न मिलने पर थक-हारकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. पीड़ितों का कहना है कि या तो उन्हें उनका हक दिलवाया जाए या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए.

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