आगरा :एत्मादुद्दौला क्षेत्र के ट्रांस यमुना स्थित केजी हॉस्पिटल में पथरी का ऑपरेशन कराने आई बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने पर मौत हो गई. परिजनों ने मौके पर पुलिस को बुला लिया. वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अस्पताल संचालक के पक्ष में उन्हें धमकाया और कोई भी कार्रवाई न करने की बात कही, जिसके बाद पीड़ित पक्ष भयवश बिना कोई कार्रवाई किये वहां से चले गए.
पथरी का कराया था ऑपरेशन
दरअसल, ग्राम मुरकिया ग्वालियर रोड के रहने वाले मानसिंह की पत्नी मंजू (60) पथरी की बीमारी से पीड़ित थीं. इलाज के लिए मान सिंह ने अपनी पत्नी को 15 मार्च को ट्रांस यमुना फेज वन स्थित केजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा महिला का ऑपरेशन किया गया था.
पीड़ित ने बताया कि करीब तीन-चार दिन उनकी पत्नी को अस्पताल में रखने के बाद छुट्टी कर दी गई. इसके बाद से ही पीड़ित की पत्नी घर में भी दर्द से कराहती रहती थी. जब उनकी पत्नी का दर्द असहनीय हो गया तो उन्होंने दोबारा से अस्पताल के डॉक्टर से बात की, जिस पर डॉक्टर ने पीड़िता को वापस हॉस्पिटल लाने के लिए कहा.
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से गई जान
पीड़ित मान सिंह अपनी पत्नी को लेकर 26 मार्च को करीब दिन में 12 बजे फिर से केजी हॉस्पिटल पहुंचे. यहां उन्होंने डॉक्टर से कहा कि आप मेरी पत्नी का पूर्ण रूप से इलाज करिए. जितना भी खर्चा आएगा, वह मैं वहन करने को तैयार हूं. पीड़ित का आरोप है कि किसी भी डॉक्टर ने उनकी पत्नी का इलाज सही से नहीं किया और न ही उनकी देखभाल की. इसके बाद 26 मार्च की रात करीब 11:00 बजे पीड़िता को असहनीय दर्द शुरू हुआ, जिस पर उन्होंने महिला कंपाउंडर को बुलाया. महिला कंपाउंडर ने यह कहकर टाल दिया कि तुम्हारी पत्नी नाटक कर रही है. उसे कोई भी दर्द नहीं हो रहा है. इसके बाद पीड़ित ने अपने पुत्र को फोन लगाकर सारी घटना से अवगत कराया.
करीब तड़के सुबह 4:00 बजे एक डॉक्टर पीड़ित महिला को देखने आया, जिसके बाद महिला की हालत और बिगड़ गई और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई. महिला के पति ने यह जानकारी अपने पुत्र को दी और हॉस्पिटल पर बुला लिया. इसके बाद महिला के तमाम परिजन और ग्रामीण अस्पताल पर मौजूद हो गए और हंगामा करने लगे.
पुलिस ने पीड़ित परिवार को धमकाया
पीड़ित मान सिंह के पुत्र का आरोप है कि उन्होंने पुलिस को सूचना कर अस्पताल पर बुलाया था, लेकिन पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी. बल्कि उन्हीं के ऊपर दबाव बनाने लगी और कहने लगी कि अगर तुम कोई कार्रवाई करोगे तो यह डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग में सेटिंग कर पोस्टमार्टम को भी बदल देगा और तुम्हारे ऊपर उल्टा इल्जाम लगा देगा. इसलिए तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम यहां से चले जाओ. पीड़ित का कहना है कि वह इस बात से काफी डर गया, जिसके बाद अपनी मां के शव को लेकर वहां से चला गया.