आगरा: ताजगंज की ईको सिटी में रिटायर्ड फौजी अनिल कुमार राजावत की पत्नी संगीता को जलाकर मार दिया गया. इस मामले के बाद मंगलवार देर रात क्षेत्र में पुलिस तैनात कर दी गई. बुधवार सुबह संगीता के अंतिम संस्कार से पहले रिटायर्ड फौजी और उसके परिजनों ने पुलिस प्रशासन से मुआवजे की मांग की.
परिजनों का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है. पहले दोनों बेटों के नाम 50-50 लाख रुपये और एक प्लॉट सरकार की तरफ से देने को कहा गया था, लेकिन बाद में उसका कुछ नहीं हुआ. उन्होंने लापरवाह एकता चौकी प्रभारी पर भी कार्रवाई की मांग की. जनप्रतिनिधियों और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रिटायर्ड फौजी और परिजनों को आश्वासन दिया था कि उनके पक्ष को सरकार के सामने रखा जाएगा. इसके बाद रिटायर्ड फौजी और परिजनों ने बुधवार सुबह 10 बजे संगीता का अंतिम संस्कार किया.
एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि आरोपी भरत खरे और उसकी पत्नी सुनीता को जेल भेज दिया गया है. मामले में जांच की जा रही है. दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं पंचायत में शामिल लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
पंचायत के बाद जिंदा जलाया
रिटायर्ड फौजी अनिल कुमार राजावत का आरोप है कि उनकी पत्नी संगीता को रविवार के दिन पंचायत के बाद कॉलोनी के भरत खरे और उसकी पत्नी सुनीता खरे ने जला दिया था. इसके बाद संगीता ने सोमवार को दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस ने मंगलवार को हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.
रिटायर्ड फौजी अनिल कुमार राजावत का कहना है कि उनकी पत्नी संगीता पंचायत से रोते हुए घर आई थी. पंचायत से ही उसके पीछे चार लोग आए थे, जो घर में गए. दो मिनट बाद ही संगीता की चीख सुनाई दी और वह लपटों से घिरी बाहर निकली थी. सभी चारों लोग भाग गए. उन्होंने ही संगीता को जिंदा जलाया था. पत्नी संगीता को बचाने की कोशिश में वह भी झुलस गया है.
पंचायत की शर्त ने बिगाड़ा मामला
दरअसल, रविवार को रिटायर फौजी अनिल और उनके पड़ोसी भरत खरे के बच्चों में हुए विवाद को लेकर पंचायत बैठी थी. इसमें 10-15 लोग शामिल हुए. सभी ने बच्चों का मामला बताकर राजीनामा करने की बात कही. पंचायत की ओर से कहा गया कि भरत खरे, पड़ोसी रिटायर्ड फौजी अनिल और उसकी पत्नी के खिलाफ दर्ज कराए गए एससी-एसटी के मामले को वापस ले लें.
इस पर भरत खरे ने शर्त रखी कि फौजी और संगीता को माफी मांगनी होगी. दोनों ने हाथ जोड़कर माफी मांग ली. फिर भरत ने कहा कि माफी हाथ जोड़कर नहीं, पैर पकड़कर मांगी जाती है. कॉलोनी के लोगों ने कहा कि भरत खरे अब मामला खत्म कीजिए. इसके बाद पंचायत में भरत के रिश्तेदारों ने कहा कि अनिल 10 लाख रुपये दें तो राजीनामा होगा. फिर बाद में 5 लाख की डिमांड की.
यह रहा घटनाक्रम
- 6 अक्तूबर को बच्चों के बीच झगड़ा हुआ. इसमें भरत खरे के बेटे को चोट लगी.
- 6 अक्तूबर की रात ही एससी-एसटी एक्ट के मुकदमे के लिए तहरीर दे दी गई.
- 10 अक्तूबर को पुलिस ने अनिल और संगीता को चौकी पर बुलाया और रात में छोड़ा.
- 11 अक्तूबर की शाम को भरत खरे के घर पर पंचायत हुई.
- 11 अक्तूबर की देर शाम जलने से संगीता की मौत हो गई.
- 13 अक्तूबर को संगीता की हत्या का मुकदमा, आरोपी गिरफ्तार.
- 14 अक्टूबर को संगीता का अंतिम संस्कार, एक करोड़ रुपये की डिमांड.