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लखटकिया हुए वीआईपी नंबर्स, चाहिए तो करनी पड़ेगी जेब ढीली - आगरा समाचार

अब चार पहिया और दो पहिया वाहन के ऑनलाइन वीआईपी नंबर की नीलामी के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा, फिर आप वीआईपी नंबर के लिए नीलामी में शामिल हो सकेंगे. वीआईपी नंबर की ऑनलाइन नीलामी में कैसे आप अपना चुनिंदा नंबर ले सकते हैं. क्या करने से आसानी होगी और कौन-सी दिक्कते आएंगी. इस पर देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

लखटकिया हुए वीआईपी नंबर्स.

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Published : Nov 1, 2019, 3:12 PM IST

आगरा: जेम्स बॉण्ड यानी 0007 की कीमत एक लाख रुपये, 9999 की कीमत 50 हजार रुपये, 0101 की कीमत 25 हजार रुपये और 6161 की कीमत 15 हजार रुपये है. जी हां...आप नंबर्स के गेम पर मत जाइए. अब वाहनों के वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन ऑक्शन होता है. परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे वीआईपी नंबर लखटकिया हो गए. वीआईपी नंबर के लिए अब ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. कार के वीआईपी नंबर का प्राइस 15 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है. ऐसे ही बाइक के वीआईपी नंबर का बेस प्राइस 3 हजार से बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया है.

लखटकिया हुए वीआईपी नंबर्स.

बता दें कि ऑनलाइन वीआईपी नंबर्स सीरीज को चार तरह से बांटा गया है. पहली वीआईपी नंबर सीरीज का बेस प्राइस चार पहिया वाहन के लिए 1 एक लाख और दोपहिया के लिए 20 हजार है. दूसरी वीआईपी नंबर सीरीज में चार पहिया वाहन के लिए बेस प्राइस 50 हजार और दोपहिया वाहन के लिए बेस प्राइस 10 हजार रखा गया है. तीसरी वीआईपी नंबर सीरीज के लिए बेस प्राइस चार पहिया वाहन के लिए 25 हजार और दोपहिया वाहन के लिए बेस प्राइस 5 हजार रखा गया है. इसके बाद चौथी वीआईपी नंबर सीरीज के लिए चार पहिया वाहन के लिए बेस प्राइस 15 हजार और दोपहिया वाहन के लिए बेस प्राइस 3 हजार रुपये रखा गया है.

एक लाख रुपये की बोली वाले वीआईपी नंबर
0001, 0002, 0003, 0004, 0005, 0006, 0007, 0008, 0009, 0786, 1111, 2222, 3333, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999, 1000 और अन्य.

50 हजार रुपये की बोली वाले वीआईपी नंबर
0010, 0011, 0020, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099,0100, 0200, 0222, 0300, 0333,
0400, 0444, 0500, 0555, 0600, 0666, 0700, 0777, 0786, 0800, 0888, 0900, 0999, 1000, 1100, 2000, 2200,3000, 3300, 4000, 4400, 5000, 5500, 5555, 6000, 6600, 6666, 7000, 7700, 7777, 8000, 8800,8888, 9000, 9900, 9999 और अन्य.

25 हजार रुपये की बोली वाले वीआईपी नंबर
0018, 0027,0036, 0045, 0054, 0063, 0072, 0081, 0090, 0099, 0101, 0214, 0909, 1001, 1200, 1300, 1400, 1500, 1600, 1700, 1800, 1900, 2002, 2100, 2200,2300, 2400, 2500, 2600, 2700, 2800, 2900, 3003, 3100, 3200 और अन्य.

15 हजार रुपये की बोली वाले वीआईपी नंबर
0020, 0030, 0040, 0050, 0060, 0080, 0202, 0303, 0404, 0505, 0606, 0707, 0808, 1122, 1133, 1144, 1155, 1166, 1177, 1188, 1199, 1881, 2211, 2233, 2244, 2255, 2266, 2277, 2288, 2299, 2772, 3311, 3322, 3344, 3355, 3366, 4455, 4242, 5151, 6363, 7171,7575,7786, 8181, 1786, 9191, 9988, 8899 और अन्य.


ये नंबर भी हैं वीआईपी
1800, 1300, 1200, 2400, 1001, 2100, 2002, 2700, 1600, 0909, 2600 और अन्य.

परिवहन विभाग के डीबीए आनंद गुप्ता ने बताया कि गाड़ी खरीदने के 7 दिन के अंदर में वीआईपी नंबर के ऑक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहिए. ऐसा नहीं किया तो वीआईपी नंबर नहीं मिलेगा. वाहन खरीदने से पहले वीआईपी नंबर के ऑनलाइन ऑक्शन में शामिल हो सकते हैं और वीआईपी नंबर मिलने के एक महीने के अंदर में वाहन खरीद कर फिर उसकी सारी कागजी कार्रवाई कर लें तभी वीआईपी नंबर मिल सकेगा, लेकिन लोग इस बारे में सही तरह से समझ नहीं रहे और गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें अपने मनपसंद ऑनलाइन वीआईपी नंबर भी नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए ऑनलाइन ऑक्शन के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

एआरटीओ ( प्रशासन) एके सिंह ने बताया कि गत सितंबर माह में शासन से एक नया आदेश आया, जिसके तहत वीआईपी नंबर के बेस प्राइस बढ़ा दिए गए. अब सिंगल डिजिट वीआईपी नंबर का बेस प्राइस एक लाख रुपये है. हम आंकड़े देखें तो सिंगल डिजिट वीआईपी नंबर से विभाग को कोई फायदा नहीं हो रहा है. लेकिन कार और बाइक के सामान्य नंबर से विभाग को कमाई हो रही है. इसमें राजस्व फिर से पुराने वाले राजस्व के बराबर पहुंच रहा है.

मई 2019 में परिवहन विभाग ने वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी. इसके बाद से वीआईपी नंबर लेने का क्रेज कम नहीं हुआ है. ऑनलाइन वीआईपी नंबर की नीलामी की प्रक्रिया लंबी है. कई बार इसी वजह से लोग नीलामी से बचने के लिए बेस्ट प्राइस देकर ही नंबर ले लेते हैं.

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