आगरा:पुलिस ने आठ दिन के इंतजार और खोजबीन के बाद एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदन सिंह (Badan Singh) का लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया. कुख्यात को अंतिम समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. यह वही बदन सिंह है, जो चंबल के बीहड में रहकर यूपी, एमपी और राजस्थान से अपहरण कराकर फिरौती वसूलता था. मगर, 22 जुलाई-2021 को जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस की मुठभेड में बदन सिंह और उसका साथी मारा गया था. पुलिस ने बदन सिंह के परिजनों की राजस्थान के धौलपुर और आगरा में तलाश और खोजबीन की. पर परिजन का कहीं सुराग नहीं लगा. इसके बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के बाद शुक्रवार को कुख्यात बदन सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया.
22 जुलाई 2021 की देर रात बदन सिंह और उसके साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय का जगनेर के गांव कछपुरा में पुलिस से आमना सामना हो गया था. दोनों ओर से गोलियां चली थीं. इसमें पुलिस की गोली लगने से बदन सिंह और उसका साथी अक्षय उर्फ चंकी पाण्डेय घायल हो गया. बदन सिंह पर एडीजी ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि अक्षय पर 25 हजार रुपये का इनाम था. 23 जुलाई 2021 को पोस्टमार्टम के बाद अक्षय के परिजन उसका शव ले गए. मगर, बदन सिंह के एनकाउंटर के बाद परिजन ने उससे दूरी बना ली. यही वजह रही कि 8 दिन बाद भी परिजन आगरा में बदन सिंह का शव लेने नहीं आए. उसे अंत समय 'अपनों' का कंधा भी नसीब नहीं हुआ. न ही अपनों के हाथ से मुखाग्नि मिली. पुलिस ने भी परिजनों की तलाश की. मगर, बदन सिंह के परिजन धौलपुर और आगरा के पते पर पुलिस को नहीं मिले.
डाॅक्टर को किया था किडनैप
हाल में कुख्यात बदन सिंह के गिरोह ने आगरा के वरिष्ठ सर्जन उमाकांत गुप्ता का अपहरण किया था. गिरोह ने 5 करोड़ रुपये की फिरौती की डिमांड का पत्र भी चिकित्सक के घर फेंका था. लेकिन, आगरा पुलिस ने धौलपुर पुलिस की मदद से कुख्यात बदन सिंह की गिरफ्त से डॉ. उमाकांत गुप्ता को मुक्त कराया. पुलिस ने बदन सिंह के इशारे पर डॉ उमाकांत गुप्ता को हनी ट्रैप का शिकार बनाने वाले मंगला और संध्या के साथ पवन गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने जनता से की थी अपील