आगरा:जिले में लोगों की 'पाती' के साथ डाकिया अब जल्द ही टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल का भी संकलन करेंगे. बलगम के सैंपल की जांच अत्याधुनिक सीबीनॉट से की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के मिशन में अब डाकिया भी अहम भूमिका निभाएंगे.
टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया है. अब टीबी के मरीजों के बलगम के सैंपल सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुंचाने में डाक विभाग अहम भूमिका निभाएगा.
- पायलट प्रोजेक्ट जुलाई में प्रदेश के आगरा, बदायूं चंदौली और लखनऊ में शुरू हुआ.
- इन जिलों में डाकिया लोगों की पाती के साथ ही टीबी मरीजों के सैंपल को सीबीनॉट मशीन सेंटर्स तक पहुचाएंगे.
- आगरा में भी डाकिया टीबी के मरीजों के जांच के लिए बलगम के सैंपल सरकारी हॉस्पिटल तक पहुंचाएंगे.
- इससे टीबी के मरीजों के बलगम सैंपल की जांच बेहतर होगी.
- इस प्रोजेक्ट से डाक विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी.
आगरा में भी पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरूआत
- टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट आगरा में शुरू किया जा रहा है.
- इसमें डाक विभाग अपनी अहम भूमिका निभाएगा.
- स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग एक साथ मिलकर टीबी के मरीजों की जांच के लिए काम करेंगे.
- इससे टीबी के मरीजों की जांच सही समय पर की जा सकेगी.
- जिले में टीबी के मरीजों के बलगम की जांच के लिए सीबीनॉट की चार मशीनें हैं.
- इन मशीनों से 2 घंटे में बलगम की जांच रिपोर्ट मिल जाती है.
- जिले के दूरदराज के टीबी मरीजों के सैंपल सीबीनॉट मशीन के सेंटर्स पर पहुंचने में देरी होती है.
- इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग और डाक विभाग ने साथ मिलकर काम करने की पहल की है.