लॉरेंस विश्नोई गैंग के बारे में बताते डीसीपी पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा. आगरा: आगरा के जैतपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में दबोचे गए कुख्यात लॉरेंस विश्नोई गैंग (LB Gang) के चार शूटरों से कमिश्नरेट पुलिस की सिरदर्दी बढ़ गई है. अब पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), सर्विलांस टीम के साथ ही साइबर सेल की टीमें चंबल के बीहड़ में एलबी गैंग का नेटवर्क खंगाल रही हैं. एलबी गैंग के गिरफ्तार भूपेंद्र गुर्जर उर्फ थापा और प्रदीप शुक्ला उर्फ बाबा शुक्ला से पूछताछ में पुलिस के हाथ तमाम जानकारियां लगी हैं. लॉरेंस विश्नोई के खास रितिक बॉक्सर की इंस्टाग्राम पर रील देखकर दोनों गैंग के संपर्क में आए थे.
सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से लॉरेंस विश्नोई गैंग काफी चर्चित हो गया है. इसका सदस्य रितिक बॉक्सर सोशल मीडिया प्लेटफार्म से गैंग के लिए गुर्गे रिक्रूट करता है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रितिक बॉक्सर सभी गुर्गों की परख करता है. उन्हें छोटे-छोटे टास्क दिए जातें हैं. फिर, मोटी रकम का लालच देकर बड़ी वारदात के लिए तैयार किया जाता है. इसके बाद कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई के आदेश पर रितिक बॉक्सर सभी गुर्गों को 'सिग्नल एप' डाउनलोड कराता है. 'सिग्नल एप' में नंबर और लोकेशन का पता नहीं चलता है. फिर, कुख्यात लॉरेंस विश्नोई के आदेश को 'सिग्नल एप' के जरिए गैंग के एक्टिव शूटर्स और गुर्गों को सर्कुलेट किया जाता है. आगरा कमिश्नरेट पुलिस भी 'सिग्नल एप' और इंस्टाग्राम समेत अन्य तमाम प्लेटफार्म पर जेल गए भूपेंद्र गुर्जर और प्रदीप शुक्ला से जुड़े हुए लॉरेंस विश्नोई गैंग के नेटवर्क को खंगाल रही है.
जयपुर कमिश्नरेट पुलिस के साथ मिलकर आगरा पुलिस और स्वाट टीम ने सोमवार देर रात जैतपुर थाना क्षेत्र से मुठभेड़ में तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात लॉरेंस विश्नोई के चार शूटर बीकानेर की एमपी कॉलोनी निवासी जयप्रकाश उर्फ जेपी, बीकानेर की रामपुरा बस्ती निवासी ऋषभ उर्फ यशचंद्र रजवार, डिफेंस कालोनी बाह (आगरा) निवासी प्रदीप शुक्ला उर्फ बाबा शुक्ला और बड़ा गांव, बाह (आगरा) निवासी भूपेंद्र गुर्जर उर्फ थापा को गिरफ्तार किया था.
इंस्टाग्राम पर रील देखकर गैंग के संपर्क में आए थे
डीसीपी पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई के खास रितिक बॉक्सर के इंस्टाग्राम अकाउंट से रील देखकर बाह थाना क्षेत्र के बड़ा गांव निवासी भूपेंद्र गुर्जर उर्फ थापा और प्रदीप शुक्ला उर्फ बाबा शुक्ला गैंग से संपर्क में आए. दोनों ने लॉरेंस विश्नोई गैंग की तमाम रील अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखीं. फिर दोनों ने रितिक बॉक्सर से संपर्क किया था. रितिक बॉक्सर ने दोनों को गैंग में शामिल किया था.
सिग्नल एप से रितिक बॉक्सर के संपर्क में थे शूटर्स
डीसीपी पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा ने बताया कि जेल गए भूपेंद्र और प्रदीप शुक्ला के मोबाइल में रितिक बॉक्सर ने 'सिग्नल एप' डाउनलोड कराया था. जिस पर ही रितिक बक्सर ने भूपेंद्र गुर्जर और प्रदीप शुक्ला को जयपुर में फायरिंग करने का टास्क दिया था. इस टास्क में 35 लाख रुपए टार्गेट पर फायरिंग करने वालों को दिया जाना था. तभी शूटर भूपेंद्र गुर्जर और प्रदीप शुक्ला आगरा से जयपुर में फायरिंग करने के लिए गए थे. आगरा के जैतपुर में लॉरेंस विश्नोई गैंग के चारों शूटर जब पुलिस की गिरफ्त में आए तो उनके मोबाइल में 'सिग्नल एप' मिला. जिसके जरिए लॉरेंस विश्नोई गैंग के रितिक बॉक्सर के साथ ही अन्य तमाम गैंग के एक्टिव गुर्गे और शूटरों से उनकी वीडियो कॉल और चैटिंग से बातचीत हो रही थी.
नेटवर्क खंगाल रहीं पुलिस टीमें
डीसीपी पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा ने बताया कि, बीहड़ में एक्टिव हेलो गैंग के सदस्यों को लगातार गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है. उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के साथ ही उनकी संपत्ति भी कुर्क की जा रही है. लॉरेंस विश्नोई गैंग के नेटवर्क को लेकर पुलिस के साथ साइबर सेल, सर्विलांस और अन्य टीमें लगी हुई हैं. सभी को अलग-अलग टास्क दिए गए हैं. जेल गए भूपेंद्र गुर्जर और प्रदीप शुक्ला के नेटवर्क से जुड़े लोगों पर निगरानी बढ़ा दी गई है. दोनों से पूछताछ में मिले इनपुट की तस्दीक की जा रही है. इसके साथ ही इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रितिक बॉक्सर के साथ ही लॉरेंस विश्नोई गैंग के तमाम अकाउंट हैं. उन सभी पर हमारी साइबर सेल नजर रखे हुए है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म से गैंग के नेटवर्क की छानबीन की जा रही है.
सिग्नल एप से मिली सूचना पर जारी हुआ था अलर्ट
28 जनवरी-2023 की रात लॉरेंस विश्नोई के शूटरों ने जयपुर में होटल 'जी क्लब' और उसके मालिक अक्षय गुरनानी पर फायरिंग की थी. इस वारदात से पहले ही बीकानेर पुलिस ने मुख्यालय को किसी बड़ी वारदात की जानकारी दी थी. क्योंकि, गैंग में शामिल एक शूटर 25 जनवरी को बीकानेर जेल से बाहर आया था. उसने दूसरे बंदी से बाहर निकलते ही बड़ा धमाका करने की बात कही थी. इस पर ही राजस्थान पुलिस मुख्यालय से अलर्ट भी जारी किया गया था. लेकिन, लॉरेंस विश्नोई गैंग कहां वारदात करेगा? गैंग का निशाना कौन है? इसकी सटीक जानकारी नहीं होने के कारण जयपुर कमिश्नरेट पुलिस खतरा को भांप नहीं सकी. इसी वजह से गैंग के शूटरों ने बेखौफ होकर 28 जनवरी की रात को ताबड़तोड़ फायरिंग करके दहशत फैलाई थी.
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