आगरा: शहर और देहात में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है. जिले में 94 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई है, जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 1517 पहुंच गया है. आने वालों दिनों में संक्रमण और तेज होगा और आंकड़े डराने वाले होंगे. सीएम योगी के निर्देश पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने एसएन मेडिकल कॉलेज के साथ निजी हॉस्पिटलों में भी वेंटिलेटर और आइसोलेशन की सुविधा शुरू की है. इन निजी हॉस्पिटल्स में सरकार के निर्धारित चार्ज पर कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है.
अनलॉक-टू की बात की जाए तो ताजनगरी में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ी है. शहर से देहात तक कोरोना का कोहराम है. ऐसे में गंभीर संक्रमितों के इलाज के लिए एल-3 हॉस्पिटल्स होने चाहिए, जहां गंभीर संक्रमितों को वेंटिलेटर की सुविधा मिल सके. एसएन मेडिकल कॉलेज में 200 बेड हैं. इसके साथ ही अब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने एल-3 लेवल के तीन निजी हॉस्पिटल चिह्नित किए हैं, जहां 200 बेड की व्यवस्था है. इसके साथ ही दो अन्य हॉस्पिटल भी एल-1 और एल-2 लेवल के हैं, जहां कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है.
अधिक वसूली की शिकायत नहीं
आगरा सीएमओ डॉ. आरसी आरसी पांडे ने बताया कि कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने पर निजी हॉस्पिटल में भी बेहतर उपचार की व्यवस्था की है. एल-3 लेवल के नियति हॉस्पिटल, रामरघु हॉस्पिटल और प्रभा ट्रॉमा सेंटर हैं. तीनों निजी हॉस्पिटल की सीएमओ कार्यालय से मॉनिटरिंग की जाती है. निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त हैं. निजी हॉस्पिटल्स में सरकार की गाइडलाइन और निश्चित चार्ज पर कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है. अभी तक निजी हॉस्पिटल्स में भर्ती किसी संक्रमित या उसके परिजन ने अधिक वसूली की शिकायत नहीं की है. यदि ऐसी शिकायत आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है एल-वन, एल-टू और एल-3 हॉस्पिटल का गणित
आईएमए (आगरा) प्रेसिडेंट रवि पचौरी ने बताया कि एल-वन पेशेंट वे होते हैं, जो कोरोना संक्रमित होते हैं. मगर लक्षण नहीं होते हैं, जिस हॉस्पिटल में इनका उपचार होता है, वे एल-वन हॉस्पिटल हैं, जिन कोरोना संक्रमित की तबियत गंभीर होती है, उसे एल-2 हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है. एल-3 हॉस्पिटल में वेंटिलेटर की व्यवस्था होती है.