आगरा: यूपी में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही दल बदल की राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा में भगदड़ की स्थिति है और आलम यह है कि मंत्री और विधायक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो वहीं, समाजवादी पार्टी में भी उथल-पुथल शुरू हो गई है. हर दल और नेता विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बिसात और गोटियां बिछा रहा है. भले ही इसकी वजह राजनीतिक सुख और शोहरत हो. मगर हकीकत यही है कि सभी पार्टियों की कुंडली में बदली ग्रहों की चाल के कारण ही उक्त समस्याएं पेश आ रही हैं. ये कहना है भविष्य बनाओ ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद मिश्र का. उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि राजनीतिक पार्टियों की कुंडली में ग्रहों की चाल बदली है, जो लंबे समय तक रहेगी. भाजपा की कुंडली में जहां चंद्रमा नीच का है, जो वर्तमान हाल के लिए जिम्मेदार है तो वहीं, सपा की कुंडली में सूर्य नीच का है.
भाजपा: लग्न कुंडली में ग्रहों की चाल
ज्योतिषाचार्य अरविंद मिश्र ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की 6 अप्रैल, 1980 को सुबह 11:15 बजे दिल्ली में नींव रखी गई थी. भाजपा की मिथुन लग्न की जन्म कुंडली है. भाजपा की कुंडली के तृतीय भाव में मंगल, गुरु, शनि और राहु बैठे हुए हैं. छठे भाव में चंद्रमा नीच का वृश्चिक राशि में है. बुध और केतु भाग्य स्थान में बैठे हुए हैं. सूर्य दशम भाव में बैठा है. शुक्र 12वें घर में है. यह भाजपा की कुंडली है. वर्तमान में भाजपा की कुंडली में चंद्रमा की महादशा चल रही है. जिसमें बृहस्पति का अंतर 21 नवंबर, 2022 तक चलेगा. चंद्रमा में बृहस्पति का अंतर पार्टी को विजय दिला सकता है.
तो इसलिए मची है भाजपा में भगदड़
ज्योतिषाचार्य अरविंद मिश्र ने बताया कि इस समय भाजपा की कुंडली की ग्रह गोचर की स्थिति देखें तो वृश्चिक राशि में राहु चल रहा है, जो नीच के चंद्रमा को देख रहा है. केतु भी वहां चल रहा है. इसलिए ही भाजपा के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें आखिरकार करना क्या है और क्या उन्हें नहीं करने की जरूरत है? आगे उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि भाजपा छोड़ने से लाभ उनका होगा. ऐसा आवश्यक नहीं है कि वे भाजपा छोड़कर जाएंगे तो लाभ ही होगा. लेकिन भाजपा में ग्रहों की वजह से उथल-पुथल हो रही है. इससे ही भाजपा नेताओं का उनके मन पर दृढ़ निश्चय नहीं हो पा रहा है कि वे पार्टी में रहें या पार्टी छोड़कर जाएं.
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चुनाव में भाजपा का रहेगा अच्छा प्रदर्शन
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कुछ लोग भाजपा छोड़कर जाएंगे तो कुछ लोग आएंगे भी. यदि भाजपा की कुंडली में दशा और अंतर्दशा देखी जाए तो चंद्रमा की महादशा में बृहस्पति का अंतर चल रहा है, जो नवंबर-2022 तक रहेगा. इसके साथ ही 19 फरवरी 2022 तक बुध का प्रतियांतर चल रहा है. बृहस्पति और बुध का प्रतियांतर भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न कर रहा है. 19 फरवरी 2022 के बाद यह सब स्थिति ठीक हो जाएंगी. चुनाव में पार्टी काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी. अच्छे विधायक चुनकर आए तो और संभवतः बेहतर प्रयास से सरकार भी भाजपा बना लेगी. लेकिन भाजपा को कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा. क्योंकि, समाजवादी पार्टी उसे कड़ी टक्कर देगी. इसलिए आसानी से भाजपा का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल लग रहा है.
समाजवादी पार्टी: लग्न कुंडली में ग्रहों की चाल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 5 नवंबर 1992 को शाम 6 बजे लखनऊ में समाजवादी पार्टी की नींव रखी गई थी. समाजवादी पार्टी की कुंडली देखते हैं तो यह कुंडली वृष लग्न की कुंडली है. इसमें केतु लग्न में है. तृतीय भाव में मंगल है. पांचवें भाव में गुरू है. छठे भाव में सूर्य नीच का है. सप्तम घर में बुध, शुक्र और राहु हैं. भाग्य स्थान में शनि बैठे हुए हैं. चंद्रमा दशम घर में हैं. वर्तमान में पार्टी पर शनि की महादशा चल रही है. शनि की महादशा में बृहस्पति का अंतर चल रहा है. जो पांच मई-2023 तक रहेगा. वहीं, 21 फरवरी तक केतु का प्रतियांतर चल रहा है.
सपा के भाग्य स्थान में बैठा शनि करा रहा उथल-पुथल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि समाजवादी पार्टी की ग्रह गोचर स्थिति देखें तो लग्न में राहु चल रहा. सप्तम घर में केतु चल रहा है. भाग्य स्थान में शनि है. समाजवादी पार्टी में जो उथल-पुथल हो रही है. उसकी पहली वजह 19 फरवरी तक केतु का अंतर है. दूसरी स्थिति यह है कि, गोचर में राहु लग्न में बैठा है. लग्न कुंडली में केतु है. सप्तम घर में राहु है. केतु वहां चल रहा है. ऐसे में ग्रहों की कुछ ऐसी स्थिति है. जिसकी वजह से परिवार में भी मतभेद है. जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है. आगे आने वाले समय में भी पारिवारिक विवाद के कारण पार्टी को नुकसान हो सकता है.
सपा देगी भाजपा को कड़ी टक्कर
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को चाहिए कि वे पार्टी में सामंजस्य बना कर रखें. परिवार का विवाद आड़े न आए. आने वाली पार्टी में आ तो रहे हैं. लेकिन कुछ लोग जा भी सकते हैं. पार्टी की ग्रह स्थिति ज्यादा बढ़िया नहीं है. सपा मुखिया अखिलेश यादव को सोच समझ कर के अपनी बात जनता के बीच में रखनी होगी और सोच समझ कर ही निर्णय लेने होंगे.
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