आगरा: देश में लगातार वैश्विक महामारी कोरोना गंभीर रूप लेता चला जा रहा है. इसको लेकर सरकार ने सभी कोचिंग संस्थान को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं. सरकार के इस आदेश को लेकर आगरा के संयुक्त शिक्षक एसोसिएशन ने अपनी नाराजगी जताई है. शाहगंज स्थित एक होटल में संस्था के बैनर तले एक प्रेसवार्ता का आयोजन भी किया गया. इसमें संस्था के पदाधिकारियों ने सरकार के इस आदेश को शिक्षा विरोधी करार दिया है.
वैश्विक महामारी कोरोना ने आम आदमी का जीवन संकट में डाल दिया है. इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है. ऑनलाइन शिक्षा हर विद्यार्थी के लिए संभव नहीं है. इसके चलते बच्चे कोचिंग सेंटर से अपना पाठ्यक्रम पूरा करते नजर आते हैं. इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थी भी कोचिंग से ही तैयारी करते हैं, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी कोचिंग सेंटरों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए हैं. सरकार के इस आदेश के खिलाफ आगरा के संयुक्त शिक्षक एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है.
कोरोना नियमों के पालन के बाबजूद कोचिंग बंद
संयुक्त शिक्षक एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस प्रेसवार्ता में संस्था के अध्यक्ष सुनील उपाध्याय ने बताया कि आगरा जिले में लगभग 300 से अधिक छोटे-बड़े कोचिंग संस्थान हैं. ऐसे में सरकार का कोचिंग बंद करने का आदेश शिक्षा विरोधी व्यतीत हो रहा है. ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर पाना सभी विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं है. अब ऑफलाइन कोचिंग पर भी बंदी का यह आदेश अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है. प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी कोचिंग बंद होने से परेशान हैं. ऐसे में अगर कोचिंग कुछ महीनों तक बंद रही तो कोचिंग संचालक सड़कों पर आ जाएंगे. अगर यह आदेश जल्द वापस नहीं हुआ तो एक मई से सभी कोचिंग संचालक सड़कों पर उग्र प्रदर्शन करेंगे.
सरकार से कोचिंग संस्थान खोलने की अपील
वर्ष 2020 से कोरोना माहमारी पूरे देश को अपने चपेट में लिए हुए है. लॉकडाउन के कई माह पूर्व एहतियात बरतते हुए सरकार ने कोचिंग संस्थान को खोलने का आदेश पारित किया था, लेकिन कोरोना से फिर हालात बिगड़ने पर कोचिंग संस्थान अब फिर से बंद के दिए गए हैं. वहीं, ऑफलाइन कोचिंग संस्थान पर तालाबंदी के आदेशों से संचालक काफी चिंतित हैं.
इसे भी पढ़ें-कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन, राज्यमंत्री के साथ बीजेपी प्रत्याशी ने निकाला जुलूस