आगरा: खाकी वर्दी भी क्या कमाल करती है न. देश के लोगों का हमेशा ख्याल रखती है. यूं तो पुलिस की दिलेरी के किस्से हमारे सामने आते रहते हैं, लेकिन इस बार ताज नगरी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने खाकी वर्दी का मान और बढ़ा दिया है.
आगरा के एत्मादउद्दौला थाना प्रभारी उदयवीर मलिक ने ऐसा काम कर दिखाया है. हुआ कुछ ऐसा कि दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई. उसकी मौत के बाद उसके शव को ले जाने उसका कोई अपना नहीं आया. तब सामने आए उदयवीर मलिक. उदयवीर ने शानदार उदाहरण पेश किया लोगों के सामने. पुलिस ने उसके शव को मुखाग्नि दी. पंडित मंत्रोच्चारण कर रहे थे और वर्दीधारी हवन में आहुतियां दे रहे थे. पुलिस ने दुष्कर्म पीड़िता का त्रयोदशी संस्कार किया.
खाकी वर्दी ने किया दुष्कर्म पीड़िता का अंतिम संस्कार. 22 दिसम्बर को सुबह एत्मादउद्दौला थाना क्षेत्र में लहूलुहान हालात में दिव्यांग युवती मिली थी. मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन उपचार के दौरान दिव्यांग युवती ने दम तोड़ दिया. कमला नगर के एक युवक ने जाकर उसकी पहचान बहन के रूप में की, लेकिन अगले ही दिन वह भी मुकर गया. इस पर 72 घंटे में इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने उसका अंतिम संस्कार किया था और खुद 28 दिसंबर को दिव्यांग युवती को मुखाग्नि दी थी. खाकीधारी द्वारा पेश की गई इस मानवीय मिसाल का थाने में आने वाला हर शख्स कायल हो गया.
यह थी घटना
यमुना ब्रिज रेलवे स्टेशन रोड पर एक मानसिक रूप से दिव्यांग युवती घूमती रहती थी. 21 दिसंबर की रात हनुमान मंदिर में कीर्तन हो रहा था , युवती वहां नाचती रही थी. उसी रात आठ बजे बाद वह मंदिर के सामने ही हलवाई की दुकान के बाहर पड़े तख्त पर सो गई. 22 दिसंबर की सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को वह कुआं वाली गली में अगरबत्ती फैक्ट्री के सामने बरामदे में लहूलुहान हालत में पड़ी मिली.
युवती के सिर में ईंट से प्रहार किए गए थे. फर्श पर काफी खून पड़ा हुआ था और वह बेहोश थी. पुलिस ने उसे एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया. वहां उसे आइसीयू में रखा गया, जहां दो दिन बाद उसकी मौत हो गई. इस मौके पर इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं थीं. युवती से दुष्कर्म में पुलिस ने आरोपित एटा निवासी सुगड़ सिंह उर्फ सोड़ा को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में ही है.