आगरा:ताजनगरी में किराए की डिग्रियों पर चल रहे चिकित्सा संस्थानों की चर्चा लखनऊ तक हो रही है. जिले में 15 ऐसे चिकित्सक सामने आए हैं, जिनके नाम पर राज्य के अलग-अलग जिलों में 449 चिकित्सा संस्थान (हाॅस्पिटल और पैथोलाॅजी) पंजीकृत हैं. किराए की डिग्री से संचालित झोलाछाप की दुकान बंद करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बरतना शुरू कर दी है. इसकी वजह से कई लोगों ने खुद चिकित्सा संस्थान का रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिया है, जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सख्ती से चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. इससे चिकित्सा संचालकों को दूसरे नए चिकित्सक की डिग्री रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराने के लिए नहीं मिल रही है. इससे जिले में 40 चिकित्सा इकाइयों पर ताला लटक जाएगा.
बता दें कि बीते दिनों आगरा सीएमओ कार्यालय ने चिकित्सा संस्थानों के रजिस्ट्रेशन में डाॅक्टर्स की किराए की डिग्री के खेल का चौकाने वाला खुलासा किया था. इससे आगरा से राजधानी लखनऊ तक चिकित्सा विभाग और चिकित्सकों में खलबली मच गई. आगरा सीएमओ कार्यालय ने ऐसे 15 चिकित्सक के नाम उजागर किए, जिनके नाम से प्रदेश भर में 449 हाॅस्पिटल और पैथोलाॅजी का रजिस्ट्रेशन मिला था. इससे खुलासा हुआ था कि यूपी में ऐसे दर्जनों चिकित्सक हैं, जो अपनी डिग्री किराए पर उठाकर मोटी कमाई कर रहे हैं. इससे झोलाछाप हॉस्पिटल, क्लीनिक, पैथोलाॅजी और रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर खोल कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
इस वजह से चिकित्सा इकाइयां होंगी बंद
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में करीब 145 चिकित्सा संस्थान के नवीनीकरण आवेदन खारिज कर दिए गए हैं. अब इन इकाइयों चलाने के लिए दूसरे डॉक्टर्स की जरूरत है. इसके साथ ही कार्यालय में 12 चिकित्सा इकाइयों ने अपने लाइसेंस खुद सरेंडर कर दिए हैं. अब ये संचालक चिकित्सा इकाइयों का संचालन नहीं करेंगे. इसके साथ ही विभाग की टीमों की कार्रवाई की 17 इकाइयां अभी सील हैं, जो बंद पड़ी हैं. बाकी की चिकित्सा इकाइयों ने दोबारा नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है. इसके साथ ही 23 चिकित्सा इकाइयों के संचालकों को लाइसेंस के लिए दूसरे डॉक्टर्स नहीं मिल रहे. इसलिए, जिले में 40 चिकित्सा इकाइयां बंद होने की स्थिति में हैं.