आगरा: मुगलिया सल्तनत की दूसरी राजधानी फतेहपुर सीकरी दुनियाभर में अपने बुलंद दरवाजे के लिए विख्यात है. यह यूपी की मिनी छपरौली के नाम से भी मशहूर है. मिनी छपरौली की जनता इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में किसे अपना 'चौधरी' यानी विधायक बनाएगी. इसका फैसला 10 मार्च, 2022 को होगा. फतेहपुर सीकरी में किसी भी दल के उम्मीदवार की राह आसान नहीं है. फिर चाहे भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल चौधरी हो या फिर रालोद प्रत्याशी ब्रजेश चाहर या बसपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत. यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं. इधर, फतेहपुर सीकरी की जनता का मूड जानने निकली ईटीवी भारत ने यहां लोगों से उनकी सियासी राय जानने की कोशिश की.
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की फतेहपुर सीकरी विधानसभा राजस्थान की सीमा से लगी है. यहां पर जाटों का वर्चस्व है. इसलिए इसे यूपी में 'मिनी छपरौली' के नाम से जाना जाता है. फतेहपुर सीकरी यानी जाटलैंड में एक बार फिर 'चौधरी' बनने के लिए तीन जाट प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. भाजपा ने जहां मौजूदा विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदयभान का टिकट काटकर पूर्व सांसद बाबूलाल चौधरी पर दांव खेला है तो रालोद ने ब्रजेश चाहर और कांग्रेस ने युवा हेमंत चाहर को मैदान में उतारा है. वहीं, बसपा से मुकेश राजपूत ताल ठोक रहे हैं.
चौधरी उदयभान ने नहीं लगाने दी थी सूरजपाल को हैट्रिक
फतेहपुर सीकरी विधानसभा की बात करें तो दो दशक से यहां रालोद का 'हेडपंप' अपनी चमक नहीं दिखा पा रहा है. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने आखिरी बार रालोद प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल को चुना था और इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी ठाकुर सूरजपाल सिंह ने दलित, क्षत्रिय और पिछड़ों के गठजोड़ से जीत दर्ज की थी. यही कारनामा उन्होंने 2012 के विधानसभा चुनाव में भी दोहराया था. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चौधरी उदयभान सिंह ने बसपा प्रत्याशी ठाकुर सूरजपाल सिंह को हैट्रिक नहीं बनने दी. चौधरी उदयभान सिंह यहां से विधायक बनने पर योगी सरकार में राज्यमंत्री भी बने.
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जातिगत समीकरण
इस बार विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण का गणित गड़बड़ा गया है. भले ही फतेहपुर सीकरी में सवा लाख जाट मतदाता है. लेकिन, भाजपा, सपा-रालोद गठबंधन और कांग्रेस ने जाट प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है. इसलिए इससे जातीय समीकरण गड़बड़ा गया है. क्योंकि भाजपा और रालोद खेमे में जाट वोट बंटने से खलबली मची हुई हैय ऐसे में जातीय समीकरण की बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में क्षत्रिय, ब्राह्मण और लोधी मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे. इसलिए सभी दल क्षत्रिय, ब्राह्मण और लोधी मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं. इसलिए सोमवार को सीएम योगी ने भाजपा प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल के समर्थन में सभा की. सीएम योगी ने जनता से भाजपा प्रत्याशी को वोट करने की अपील की.
अब बदलाव चाहती है जनता