आगरा: दुनियां भर से मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने हर दिन दीवाने पहुंच रहे हैं. पर्यटकों की ताज निहारने की चाहत पर कोविड-19 प्रोटोकॉल में लागू किया गया 'कैपिंग सिस्टम' पानी फेर रहा है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का हर दिन पांच हजार पर्यटकों को ताजमहल में एंट्री का कैपिंग सिस्टम सैकड़ों पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. कैपिंग सिस्टम व ऑनलाइन टिकट बुकिंग की वजह से हर दिन सैकड़ों पर्यटक बिना ताज का दीदार किए मायूस लौट रहे हैं. स्मारकों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा अब पर्यटकों की दुविधा बन गई है. आपदा में शुरू हुआ ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम लपकों (पर्यटकों को ठगने वालों) ने अवसर बना लिया है. अनुमान है कि लपके हर दिन डेढ़ लाख रुपये की ताजमहल की टिकटें ब्लैक में बेच रहे हैं.
'ताज' निहारने की चाहत में बाधा बना कैपिंग, PM को लिखा पत्र
ताजमहल में कोविड-19 की वजह से इन दिनों कैपिंग सिस्टम लागू है. एक दिन में अधिकतम पांच हजार टिकट ही बुक हो सकती हैं. इसका फायदा लपके(पर्यटकों को ठगने वाले) उठा रहे हैं. आगरा के मेयर नवीन जैन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ताजमहल से कैपिंग सिस्टम हटाने की मांग की है. आइये जानते हैं क्या है कैपिंग सिस्टम...
कैपिंग सिस्टम लागू होने से ताजमहल पर पर्यटकों की कमी.
188 दिन बाद खुला था ताजमहल
कोरोना संक्रमण की वजह से ताजमहल की अब तक की सबसे बड़ी बंदी हुई. 188 दिन ताजमहल और आगरा किला 'लॉक' रहे. 17 मार्च से बंद हुआ ताजमहल और आगरा किला 21 सितंबर को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत 'अनलॉक' हुआ. सभी स्मारकों पर टिकट विंडो बंद हैं. सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुक करके पर्यटक ताज का दीदार कर सकते हैं.