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आगरा ट्रिपल मर्डर केस: दोस्त ने अपने घर में की थी बाप-बेटे की हत्या, मां को जलाया था जिंदा

agra tripple murder
आगरा ट्रिपल मर्डर केस

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Published : Sep 1, 2020, 11:37 AM IST

Updated : Sep 1, 2020, 5:44 PM IST

11:22 September 01

आगरा के एत्माउद्दौला क्षेत्र में हुए ट्रिपल मर्डर का खुलासा पुलिस ने 24 घण्टे के अंदर कर दिया है. पुलिस के मुताबिक रामवीर के बेटे के दोस्त सुभाष ने पैसों के लिए हत्या को अंजाम दिया था. सुभाष ने साथी वकील और गजेंद्र के साथ वारदात को अंजाम दिया था. मृतक रामवीर द्वारा उधार लिए तीन लाख रुपये वापस न करने पर गुस्साए सुभाष ने लूट की योजना बनाई थी. पढ़ें पूरी खबर...

पुलिस ने आगरा ट्रिपल मर्डर का किया खुलासा.

आगरा: जिले में सोमवार को हुए तिहरे हत्याकांण्ड में दो आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर आगरा पुलिस ने 24 घण्टे से कम समय मे घटना का खुलासा कर दिया है. हत्याकांड को मृतक बेटे बबलू के दोस्त ने उधार का पैसा वापस न देने पर अपने भाई, दोस्त और मां के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने हत्यारोपियों से लूटे गए 80 हजार रुपये, आभूषण, तमंचे व मोबाइल आदि बरामद किए गए हैं. मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने पिता-पुत्र को बारी-बारी अपने घर बुलाकर हत्या को अंजाम दिया था और दोस्त की मां को सिर पर वार कर बेहोशी की हालत में जिंदा जला दिया था. एसएसपी ने मुकदमे का खुलासा करते हुए आरोपी की मां और भाई को भी मुकदमे में शामिल किया है.

यह थी हत्या की वजह
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपी सुभाष ने 2017 में मृतक परिवार द्वारा गिरवी रखी गई जमीन को छुड़वाने के लिए तीन लाख रुपये उधार दिए थे. लॉकडाउन के बाद जब वो पैसे वापस मांग रहा था, तब मृतक परिवार पैसे देने में आनाकानी कर रहा था. आरोपी को सूचना थी कि मृतक परिवार घर में पैसे रखता है, इसलिए उसने हत्या की योजना बनाई.

आरोपी ने कबूला जुर्म
आरोपियों के बयान और साक्ष्यों के मिलान के बाद एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि आरोपी खास दोस्त था और वो लोग एक दूसरे के घर कभी भी आ-जा सकते थे. रविवार को मोहल्ले में जागरण था, अतः ज्यादा लोगों को शक होना भी मुश्किल था. आरोपी ने अपने भाई गजेंद्र और दोस्त वकील को वारदात में शामिल किया और रामवीर को बहाने से घर बुलाया. रामवीर के घर आते ही तीनों उसके ऊपर टूट पड़े और मुंह दबा दिया. जब रामवीर के शरीर मे कंपन बन्द हुआ तो उन्होंने मौत की पुष्टि न होने पर उसके हाथ-पांव और मुंह पर टेप चिपकाकर उसके शव को कमरे में छिपा दिया. इसके बाद उन्होंने बबलू को बुलाया और उसके आते ही उसे पकड़कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. रात दो बजे के लगभग आरोपी मृतकों के घर पहुंचे और वहां मां नीरा के सिर पर भारी चीज से वार किया. मां के बेहोश होने पर आरोपी घर से दोनों के शवों को एक कमरे में लाए और एक के ऊपर एक रख दिया. फिर शव को आग लगा दी.

आरोपियों की मां ने भी दिया था साथ
आरोपी जिस समय बबलू की हत्या कर रहे थे तो उस समय बबलू के विरोध करने की आहट से आरोपी सुभाष की मां प्रेमवती भी जाग गई. आरोपी की मां ने उन्हें रोका नहीं, बल्कि शव हटाने के बाद कमरे को साफ कर सबूत मिटाने का प्रयास किया. पुलिस ने उस पर भी मुकदमा दर्ज किया है और उसे जेल भेज रही है.

घटना को हादसे में तब्दील करना चाहते थे आरोपी
आरोपी जघन्य हत्याकांण्ड को हादसे का रूप देना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने बबलू के शव को अलग कर बगल में खाट पर फेंक दिया और गैस सिलेंडर का पाइप खोल दिया. इसके बाद घर से लाए मिट्टी के तेल को उन पर छिड़क कर आग लगा दी, ताकि थोड़ी देर में विस्फोट हो जाए और घटना हादसे में तब्दील हो जाए. कोई देख न पाए, इसलिए उन्होंने घर आने-जाने में पिछले दरवाजे का इस्तेमाल किया. सिलेंडर में गैस कम होने के चलते उनकी यह युक्ति काम नहीं आई और सबको हत्याकांड की जानकारी मिल गई.

बेरहमी से की थी हत्या
आरोपियों ने बहुत ही क्रूरता से घटना को अंजाम दिया. मृतक बबलू सुभाष का दोस्त था, पर उसका दिल नहीं पसीजा और उसने बेरहमी से बबलू की गला घोंटकर हत्या कर दी. बबलू की मां को आरोपी मृत समझ रहे थे, वो चोट से सिर्फ बेहोश हुई थी और आरोपियों ने उसे बेहोशी की हालत में जिंदा जला दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिता की मौत मुंह दबाने से, बेटे बबलू की मौत स्ट्रेंगुलेशन यानी गला दबाने से और मां के फेफड़ों में धुंआ और डस्ट मिलने से मतलब आग से जलने से होना सामने आया है.

आरोपियों को नहीं है घटना का पश्चाताप
सीओ छत्ता विकास जायसवाल के अनुसार पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने सारे राज उगले हैं और उनके चेहरे पर रत्तीभर शिकन नहीं नजर आ रही है. उन्हें अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है.

ब्याज की डायरी ने किया खुलासा
सुबह से चल रही जांच में परिवार द्वारा रिटायर्ड फौजी नरसिंह पाल बबलू की रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए 12 लाख रुपये देने के अलावा और कोई रंजिश जैसी बात सामने नहीं आ रही थी. इसके बाद एसएसपी ने दोपहर बाद एक ट्रेनी आईपीएस, सीओ छत्ता विकास जायसवाल और कुछ मंझे हुए पुलिसकर्मियों को दोबारा घटना स्थल की जांच करने को कहा था. जब दोबारा बारीकी से जांच की गई तो वहां कुछ छोटी डायरियां मिलीं, जिनमें लोगों को पैसे देने का हिसाब लिखा था. इनमें से अधिकांश के आगे सुभाष की जिम्मेदारी पर पैसे देने की बात लिखी थी. इसके बाद पुलिस की शक भरी नजर में सुभाष भी आ गया.

नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे लेने वाले फौजी पर भी होगी कार्रवाई
पुलिस की जांच में सामने आया है कि रिटायर्ड फौजी नरसिंह पाल ने बबलू की रेलवे में नौकरी लगाने को पिता रामवीर से पैसे लिए थे. बबलू हत्याकांण्ड का आरोपी सुभाष दोनों की ही ताजगंज निवासी पीएसी के सिपाही शकील अहमद के जरिए कलकत्ता में नौकरी भी लगवाई गई थी. वह नौकरी रेलवे से जुड़ी तो थी, पर प्राइवेट थी और नौकरी ठीक न होने के कारण वो वापस आ गए थे. फौजी और रामवीर के बीच लिखित में तय हुआ था कि अगर सरकारी नौकरी नहीं लगेगी तो पैसे वापस होंगे. इसी के लिए उसने अपनी जमीन तीन लाख में गिरवी रखी थी. जिसे छुटाने के लिए उसने सुभाष से तीन लाख रुपये उधार लिए थे. पूरे मामले में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले पीएसी सिपाही के गैंग की भले ही अब तक कोई शिकयत नहीं आई है, लेकिन इस कांड के बाद जानकारी हो जाने पर पुलिस की नजर गैंग पर है. एसएसपी बबलू कुमार के अनुसार उन पर कार्रवाई के लिए अलग टीम बनाकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं.

आरोपियों ने बाइक से लगाई थी अलीगढ़ तक दौड़
मुठभेड़ के दौरान घायल आरोपी सुभाष और वकील इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद बाइक से जगह-जगह घूमते रहे. पहले सुभाष ने हत्याकांड में शामिल अपने भाई गजेंद्र को आईएसबीटी बस स्टैंड छोड़ा और फिर वहां से घूमकर अलीगढ़ तक गये. रात में वापस आने के समय उनकी पुलिस से मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में एक सिपाही अनूप घायल हो गया और सुभाष व वकील को भी गोली लग गई.

लाखों की जगह मिले सिर्फ हजारों
पकड़े गए अभियुक्तों के पास से पुलिस को बाइक, पिस्टल, तमंचे, लूटे हुए अस्सी हजार रुपये, आभूषण और कागजात बरामद हुए हैं. अभियुक्तों ने पुलिस को बताया था कि उन्हें घर पर पैसे रखने के सारे स्थान पता थे और उन्हें लग रहा था कि घर पर लाखों रुपये रखे होंगे, पर मात्र अस्सी हजार रुपये और कुछ आभूषण ही मिले. इसके लिए उन्हें इस हत्याकांड को अंजाम देना पड़ा.

इवेंट मैनेजमेंट की तरह पुलिस ने घटना का किया खुलासा
घनी आबादी में तिहरे हत्याकांड की सूचना के बाद पुलिस ने मामले को इवेंट मैनेजमेंट की तरह निपटाया. पुलिस ने सुबह से ही गवाहों और परिजनों से बात करने के लिए अलग टीम लगाई. कोई हंगामा न हो इसलिए मौके पर पीएसी से लेकर पुलिस लाइन तक का फोर्स तैनात करवा दिया. दस थाना प्रभारी, क्राइम ब्रांच, एफएसएल, डॉग स्वॉट टीम को लगाया गया. थाना प्रभारी और उनकी टीम को मौके पर परिवार से लगातार बातचीत करने के लिए लगाया गया. सीओ छत्ता समेत चुनिंदा अधिकारी और पुलिसकर्मी घटना स्थल से साक्ष्य इकठ्ठा करने के लिए लगाए गए. मौके पर आ रहे राजनैतिक लोगों से सामंजस्य स्थापित करने को अलग टीम लगाई गई. यहां तक कि जो टीम सुबह तीन बजे तक कमलानगर लूट हत्याकांड में लगी थी, उस टीम को भी सुबह सात बजे घटनास्थल पर बुला लिया गया

सबूत इकट्ठा कर दिलाई जाएगी सजा
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पुलिस हिरासत में आरोपियों का कबूलनामा सजा दिलाने के लिए काफी नहीं होगा. हमारी टीम ने इनके कपड़े बरामद किए हैं, जिन पर मिट्टी का तेल लगा हुआ था. उनके जूतों की मिट्टी और आरोपियों के घर से एफएसएल टीम को मिले साक्ष्य को शामिल किया जा रहा है.  

पुलिस की बढ़ेगी गश्त
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में तमाम व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने के बाद युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस अब मोहल्लों में जाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चौपाल लगाएगी और युवाओं और उनके परिजनों को जागरूक करेगी. घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रात्रि और दिन दोनों समय पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी और फालतू घूमने वाले युवाओं को रोककर उनसे पूछताछ भी की जाएगी.

गुडवर्क में शामिल टीम को एडीजी अजय आनन्द,आईजी ए सतीश गणेश और एसएसपी बबलू कुमार ने अलग अलग प्रशस्तिपत्र और नकद इनाम देने की घोषणा की है.

Last Updated : Sep 1, 2020, 5:44 PM IST

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