आगरा: धोखाधड़ी के आरोप में रिजव्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीरज गंभीर के खिलाफ विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority) ने ताजगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. बिल्डर पर एडीए के बंधक भूखंडों को गलत तरीके से बेचने के आरोप हैं. फिलहाल मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है.
बता दें कि आगरा विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority) ने बिल्डर नीरज गंभीर समेत उनके तीन साथियों के खिलाफ ताजगंज थाने में धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस एफआईआर के मुताबिक बिल्डर नीरज गंभीर ने मौजा बसई मुस्तकिल, लकावली मियांपुर-फतेहाबाद रोड पर टीडीआई नाम से कॉलोनी निर्माण के लिए 7 जुलाई 2005 को प्राधिकरण से ले आउट(Lay-Out) स्वीकृत कराया था. इस ले आउट को स्वीकृत कराने के लिए बिल्डर ने तथ्यों को छिपाया था.
ले आउट की स्वीकृति के समय बिल्डर ने एडीए से कॉलोनी में बंधक भूखंडों को लेकर अनुबंध भी निष्पादित किया था. इसके तहत भूखंड संख्या वी-19 एडीए में बंधक था. इसे जालसाज बिल्डर ने एडीए से बिना अवमुक्त कराए दिल्ली निवासी आशु प्रिया पत्नी तरुण दुबे को 28 मई 2009 को बेच दिया. जबकि इस दिनांक तक यह भूखंड एडीए में बंधक था.
जालसाज बिल्डर ने एक अन्य भूखंड संख्या वी-6 जिस पर रिजव्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का मार्केटिंग नंबर था. इस स्वीकृत ले आउट (Lay Out) में ए-82 संख्या दर्ज था. उसे भी बिल्डर ने एडीए से बिना अवमुक्त कराए रमा भदौरिया को बेच दिया. इन भूखंडों को बेचने में भी ग्राहको से तथ्य गोपनीय रखे गए. बिल्डर ने रजिस्ट्री में भूखंडों की संख्या भी बदल डाली. इस पर एडीए ने संज्ञान लेते हुए 5 अगस्त 2022 को थाना ताजगंज में 4 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. इसमें रिजव्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीरज गंभीर समेत उनके साथी के.वी. दत्ता, संजय क्रिस्टोफर और रविंद्र कुमार तनेजा शामिल हैं.