लखनऊ : कटिहार में चुनावी जनसभा के दौरान पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मायावती की ही तर्ज पर ऐसा बयान दे डाला जो विवाद का कारण बन गया. अभी तक मुख्य बड़ी पार्टियों की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता गलत बयानबाजी के चलते चुनाव आयोग के कार्रवाई के दायरे में आ चुके थे, लेकिन कांग्रेस इससे दूर थी. अब कांग्रेस भी गलत बयानबाजी के दायरे में आ गई.
सिद्धू पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है चुनाव आयोग : कांग्रेस
योगी, मायावती और दूसरे नेताओं पर चुनाव आयोग ने उनके बयानबाजी को लेकर कार्रवाई की है. वहीं कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का भी एक विवादित बयान सामने आया है, जिसके बाद अब बीजेपी सिद्धू पर भी कार्रवाई की मांग कर रही है.
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क्या है पूरा मामला
- हाल ही में चुनावी जनसभा के दौरान बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मुसलमानों को गठबंधन के पक्ष में एकजुट होने का बयान दिया था जिसका आयोग ने संज्ञान लिया और उन पर 48 घंटे तक चुनावी रैली या जनसभा करने पर बैन लगा दिया था.
- अब मायावती की ही तर्ज पर कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बयान दिया. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है कि अब चुनाव आयोग सिद्धू पर किस तरह की कार्रवाई करेगा.
- वहीं कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू के बयान सुनने से उसमें कुछ भी ऐसा आपत्तिजनक नहीं है. हालांकि चुनाव आयोग संज्ञान लेकर जिस तरह अन्य नेताओं पर कार्रवाई की है उसी तरह सिद्धू पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है.
- कांग्रेस का कहना है कि हेट स्पीचेज के मामले में भारतीय जनता पार्टी चैंपियन है. उसके नेता चैंपियन हैं. पांच साल की अपनी नाकामी छुपाने के लिए वह सेना के शौर्य का भी सहारा ले रहे हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे, भाजपा नेता और सुल्तानपुर से लोकसभा प्रत्याशी मेनका गांधी पर 48 घंटे, बसपा सुप्रीमो मायावती पर 48 घंटे और समाजवादी पार्टी के रामपुर से लोकसभा प्रत्याशी आजम खान पर भी 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर चुनाव आयोग ने बैन लगा रखा है.