वाराणसी: नवरात्र का पावन अवसर चल रहा है. सभी लोग अपने-अपने तरीके से मां दुर्गा की आराधना करने में जुटे हैं. ऐसे में धर्मनगरी काशी की महिलाएं भी अपनी तरीके से मां दुर्गा की आराधना कर रही हैं. यह महिला चित्रकार हैं जो अलग-अलग शैलियों की मां दुर्गा के चित्र बना रही हैं. यही नहीं इन चित्रों में आदिशक्ति का स्वरूप पुरातन भी है तो आधुनिक भी है. इसमें मां का त्रिशूल भी और घर की जिम्मेदारी संभालती आधुनिक नारी भी.
महिलाओं की अनोखी भक्ति, तूलिका के जरिए मातृ शक्ति में भर रही रंग - आदिशक्ति का स्वरूप
धर्मनगरी काशी की महिलाएं नवरात्र के पावन अवसर पर अलग-अलग शैलियों की मां दुर्गा के चित्र बना रही हैं. इन चित्रों में आदिशक्ति का स्वरूप पुरातन भी है तो आधुनिक भी है. इसमें मां का त्रिशूल भी और घर की जिम्मेदारी संभालती आधुनिक नारी भी. देखिए यह रिपोर्ट
आज की स्त्री एक देवी का रूप ले चुकी है
महिला चित्रकार ने बताया कि, मैंने एक चित्र बनाया है, इसका नाम ट्रांसफॉर्मेशन रखा है. आज की स्त्री एक देवी का रूप ले चुकी है. जो नारी शक्ति है वह दुर्गा भी है. एक स्त्री में कई रूप हैं. अभी का जो दौर चल रहा है नारी उसी तरह की शक्ति के साथ हर क्षेत्र में अपना कार्य कर रही है और पूरी जिम्मेदारी से कार्य संभाल रही है. उसमें आधुनिकता भी है, पुरानी चीजें भी.
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मैं अपनी बहनों को नारी शक्ति की तरह देखती हूं
छात्रा प्रियंका ने अपने चित्र में अपनी चार बहनों को सोचकर शक्ति का चित्र बनाया है. उन्होंने बताया कि, जब हम बात करते हैं नारी शक्ति की तो आदिशक्ति दुर्गा का नाम लेते हैं. मैंने अपने घर में चार बहनों को देखा है. उन सबको मैं नारी शक्ति की तरह ही देखती हूं. मेरी सारी बहनें किसी पर भी निर्भर नहीं हैं. जब भी हमें किसी भी तरह की मदद की जरूरत होती है तो हम अपनी बहनों के पास या अपनी मां के पास जाते हैं. इसीलिए मैंने अपनी बहनों को शक्ति के रूप में चित्रित किया है.
सभी पेंटिंग्स मां दुर्गा पर आधारित हैं
शिक्षिका शारदा सिंह ने बताया कि, हमारी संस्था आर्टिस्ट्री ऑफ वूमन महिला कलाकारों की एक संस्था है. इसमें सभी जगह की महिलाएं चाहे वह चित्रकार हैं या चाहे घरेलू महिलाएं हैं या छात्राएं हैं. सभी एक छत के नीचे एकसाथ काम करते हैं. हमारे समाज में जिस तरीके की घटनाएं हो रही हैं, जो परिवर्तन हो रहे हैं, उसे लेकर हर महीने हमारे यहां एक वर्कशॉप होती है. अभी नवरात्र शुरू हो चुका है. सभी पेंटिंग्स मां दुर्गा पर आधारित हैं. हमारे यहां की जो बच्चियां हैं, अलग-अलग कलाकार महिलाएं हैं. वह सभी अपनी-अपनी शैली में चित्रों को बनाती हैं.
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