वाराणसी: देवाधिदेव महादेव श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित करने का काम पूरा हो चुका है. मंदिर के शिखर के नीचे के हिस्से और मंदिर के चारों द्वार की चौखट को सोने मंडित करने का काम को फाइनल हो गया है. अब इस पर विशेष कोटिंग की जा रही है ताकि स्वर्ण सुरक्षित रहे.
दरअसल, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple) के स्वर्ण शिखर को महाराजा रणजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh) द्वारा स्वर्ण मंडित करने का काम सन 1853 में करवाया गया था. उस समय महाराजा रणजीत सिंह ने 22 मन सोना दान में दिया था और मंदिर का शिखर स्वर्ण मंडित हुआ था. बाद में श्री काशी विश्वनाथ धाम का नया रूप सामने आने के बाद कुछ भक्त दान देने के लिए मंदिर प्रशासन से संपर्क में आए थे. एक भक्तों द्वारा 37 किलो स्वर्ण दान किया गया था, जो मंदिर के गर्भ गृह के अंदर लगाकर पूरे गर्भ गृह की आभा को अद्भुत रूप से निखार दिया गया.
उसके बाद अन्य भक्तों ने मंदिर प्रशासन से संपर्क करके स्वर्ण शिखर के नीचे के हिस्से और चारों चौखट को स्वर्ण मंडित करने की इच्छा जाहिर की थी. जिस पर पहले तकनीकी तौर आईआईटी की टीम ने मंदिर की पत्थरों का परीक्षण किया था. क्योंकि काफी पुरानी शिलाएं होने की वजह से यह मंडित होने वाले सोने का भार सह पाएंगे कि नहीं, इसकी जांच जरूरी थी. जांच पूरी होने के बाद मई के पहले सप्ताह में मंदिर के निचले भाग को स्वर्ण मंडित किए जाने का काम शुरू हुआ था. यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि मई के अंतिम सप्ताह तक यह काम पूरा भी कर लिया जाएगा. लेकिन बारीकी से किए जा रहे हैं काम में थोड़ी देरी जरूर हुई.