लखनऊ : देश दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण (construction of ram temple) का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) सरकार इस पौराणिक नगरी का खोया गौरव लौटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. कम ही लोग जानते हैं कि हिंदू आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ यह नगर बौद्ध श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी रहा है. यही कारण है कि योगी सरकार क्वीन 'हो' मेमोरियल पार्क का निर्माण करा लिया है. सरयू तट पर करीब दो हजार वर्गमीटर में फैले दो देशों के ऐतिहासिक रिश्तों का यह प्रतीक स्थल लगभग 21 करोड़ रुपये से बनकर तैयार हो गया है.
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर अब क्वीन 'हो' मेमोरियल पार्क के लोकार्पण को लेकर तैयारी की जा रही है. उम्मीद है कि दीपोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के अयोध्या पहुंचने पर पार्क का लोकार्पण किया जा सकता है. इसमें दक्षिण कोरिया की राज्य महिषी सहित शीर्ष राजनेताओं के शामिल होने की भी संभावना है. वहां के कई प्रतिनिधियों का आना भी तय माना जा रहा है. दक्षिण कोरियाई इतिहास के अनुसार अयोध्या की राजकुमारी श्रीरत्ना दो हजार वर्ष पूर्व जल मार्ग से दक्षिण कोरिया पहुंचीं. वहां उनका विवाह राजा सूरो से हुआ था.
नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) व दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जोंग सुक ने संयुक्त रूप से रानी हो पार्क का शिलान्यास किया था. प्रदेश सरकार एवं दक्षिण कोरिया के सामंजस्य से निर्मित इस पार्क का निर्माण पूर्ण हो चुका है. पार्क में आने वाले दर्शकों का गौरवशाली अतीत से साक्षात्कार हो, भावी पीढ़ी भी इतिहास से अवगत हो, सरकार ने इसका भी ध्यान रखा है.
पार्क में ध्यान केंद्र, प्रदर्शनी कक्ष के साथ सरोवर व उस पर आकर्षक सेतु बनाया गया है. सेतु के एक किनारे पर राजा सूरो का किंग पवेलियन, जबकि दूसरे छोर पर अयोध्या का प्रतिनिधित्व करता रानी हो का क्वीन पवेलियन है. राजकुमारी श्रीरत्ना की कोरिया यात्रा की प्रतीक नाव एवं रास्ते में मिला गोल्डन एग भी पार्क में स्थापित है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि दीपोत्सव पर पार्क के उद्घाटन की तैयारी है. इस स्मारक की साज-सज्जा और स्थापत्य संयोजन में भारतीय परंपरा के साथ दक्षिण कोरियाई परंपरा का भी समावेश किया गया है. किंग पवेलियन का निर्माण दक्षिण कोरिया के सहयोग से पूर्ण हुआ है. पार्क में शिलालेख भी स्थापित है, जिससे पर्यटकों को पार्क की महत्ता समझने में भी आसानी होगी.