लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जहूराबाद से विधायक ओमप्रकाश राजभर को योगी सरकार ने Y श्रेणी की सुरक्षा दी है. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के बाद भाजपा ने रिटर्न गिफ्ट दिया है. राजभर बीते दो दिनों से सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे भी पढ़ रहे हैं.
योगी सरकार ने ओमप्रकाश राजभर को सुरक्षा कारणों से Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. गुरुवार शाम को शासन के निर्देश पर सुरक्षा गाजीपुर पुलिस ने मुहैया करा दी. गृह विभाग ने 15 जुलाई को ही गाजीपुर जिला व पुलिस प्रशासन को एक पत्र भेज दिया था, जिसमें राजभर को Y श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने के निर्देश थे.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सुरक्षा मिलने पर ओपी राजभर के बेटे ने दी सफाई:ओमप्रकाश राजभर को राज्य सरकार द्वारा दी गयी Y श्रेणी की सुरक्षा पर पार्टी के महासचिव व ओपी राजभर के बड़े बेटे अरविंद राजभर ने सफाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि 'माननीय ओम प्रकाश राजभर की सुरक्षा को लेकर समस्त सुभासपा के कार्यकर्ताओं ने कई बार ज्ञापन के माध्यम से शासन को अवगत कराया था साथ ही अभी कुछ समय पहले ग़ाज़ीपुर में हुए घटना में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिकेश यादव ने भी समर्थन देते हुए शासन से सुरक्षा की मांग की थी.
ओपी राजभर को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा क्या होती है Y श्रेणी सुरक्षा?: देश में कई श्रेणियों की सुरक्षा प्रणाली है, जो खतरे को देखते हुए नेताओं व विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों को सरकार और पुलिस द्वारा प्रदान की जाती है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर इसका आकलन किया जाता है कि किसी को किस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी. देश में चार चरणों में सुरक्षा सिस्टम बंटा हुआ है, जिसमें सबसे शीर्ष पर जेड प्लस (Z +) है, जबकि इसके बाद Z, Y और X श्रेणी की सुरक्षाएं आती हैं.सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर को अभी जो सुरक्षा दी गई है, वह Y श्रेणी की है. Y श्रेणी की सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें एक या दो कमांडो और राज्य पुलिस कर्मचारी भी होते हैं. इसके तहत दो निजी सुरक्षा अधिकारियों का विकल्प भी किया जाता है. सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वालों में एनएसजी कमांडो से लेकर अन्य एजेंसियों से जुड़े जवान व अधिकारी शामिल होते हैं, जिनकी तैनाती खतरों को देखते हुए की जाती है.
योगी के तारीफ में कसीदे पढ़े: बीते दिनों राजभर ने सीएम योगी आदित्यनाथ की जम कर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि 'सीएम योगी की इमानदारी में कोई प्रश्न नहीं उठा सकता है. वे एक कर्मठ नेता हैं और उनके काम में कोई कमी नहीं है. इसी वजह से उनकी चर्चा शिवपाल सिंह यादव के साथ ही अन्य लोग करते हैं. सीएम योगी से मैंने अपने क्षेत्र की समस्याओं और विधायकों की बातों को लेकर तीन बार मुलाकात की है. सीएम ने मंत्रियों से कहा है कि वे विपक्ष के विधायकों की बात भी ध्यान से सुनें. उनकी भी मांगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. ऐसा पिछले पांच साल में पहली बार देखने को मिल रहा है.'
ये भी पढ़ें- लखनऊ के लुलु मॉल के बाद अब प्रयागराज जंक्शन पर पढ़ी गई नमाज, पढे़ं पूरा मामला
अखिलेश पर हमलावर हैं राजभर:वहीं राजभर अखिलेश यादव पर हमलावर हैं. हालही में उन्होंने कहा था कि भाजपा का डर दिखाकर अखिलेश यादव मुसलमानों का वोट तो लेते हैं, लेकिन जब मुस्लिमों पर कोई संकट आता है चुप्पी साधकर घर में बैठ जाते हैं. जिस वोट बैंक के बल पर अखिलेश की सियासत चल रही है वह भी अब नहीं चलेगी. मुसलमान भी अपने लिए नया सियासी ठिकाना खोज रहा है, क्योंकि मुसलमानों को अब अखिलेश पर भरोसा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सपा के अधिकांश विधायक भी सपा अध्यक्ष के अहम से नाराज हैं. इसका ही नतीजा रहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में कई सपा विधायकों ने क्रास वोटिंग की.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप