लखनऊ: विधान परिषद में मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में मंहगाई, प्रदेश की कानून व्यवस्था, किसानों की आय दोगुनी करने, पंचायत चुनाव में कथित धांधली और वित्तविहीन शिक्षकों का मामला गूंजा. कानून व्यवस्था के मामले में सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाक आउट किया जबकि मंहगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया. इसके साथ ही बुधवार को सदन में नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने 7301.5 करोड़ की अनुपूरक अनुदानों की मांग रखी.
सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था के नाम पर कोई समझौता न किया है और न ही करेगी. अपराधी और माफिया जेलों में हैं या प्रदेश की सीमा छोड़कर भाग गये हैं. कोई भी निर्दोष सताया नहीं जायेगा और दोषियों को छोड़ा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में लूट, हत्या, बलवा, महिलाओं के साथ होनेवाले अत्याचारों के मामले में कमी आयी है. हम यह नहीं कहते कि अपराध नहीं हुए हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधों में कमी का ही नतीजा है कि प्रदेश में निवेश आया.
सदन में बुधवार को प्रश्नकाल हुआ. ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने सुरेश कुमार त्रिपाठी के एक सवाल के जवाब में कहा कि जो लोग अपने घरों में सोलर पैनल निजी लोगों से लगवायेंगे, उनको भी सब्सीडी देने पर विचार किया जा सकता है. सपा सदस्य परवेज अली के सवाल पर सरकार ने बताया कि प्रदेश के सभी डिस्कामों के अन्तर्गत कुल 68721 उपभोक्ताओं के घरेलू विद्युत संयोजनों का विद्युत भार विभाग ने स्वतः ही बढ़ाया है. उससे 732.73 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. जबकि इसके बाद जांच में 987 उपभोक्ताओं का कम बिजली खपत होने के कारण भार घटाया भी गया है. सदस्य ने कहा भार बढ़ाने से पूर्व उपभोक्ताओं को नोटिस दिया जाना अनिवार्य है, लेकिन यह प्रक्रिया नहीं अपनायी जाती है.
सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सरकार को निदेश दिया कि भार बढ़ाने से पूर्व उपभोक्ताओं को नोटिस दिया जाये. शून्य काल में समाजवादी पार्टी के सदस्य राम सुन्दर दास निषाद, शतरूद्र प्रकाश, वासुदेव यादव, अरविन्द कुमार सिंह, सुनील सिंह साजन, राजेश कुमार यादव, संतोष यादव सनी आदि ने गोरखपुर के थाना क्षेत्र गोला में बीती 24 जुलाई को नवविवाहित ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की दिन-दहाड़े धारदार हथियार से हुई हत्या का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया. सदस्यों ने कहा कि गोरखपुर में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी के विवाह की जानकारी होने पर लड़की के परिजनों ने उनकी हत्या कर दी. सदस्यों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब होने का बात करते हुए कहा कि अब पूरे परिवार को जान का खतरा बना हुआ है.