उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

पीडब्ल्यूडी में ट्रांसफर घोटालाः प्रधान सहायक, विभाग अध्यक्ष और प्रशासनिक अधिकारी निलंबित

पीडब्ल्यूडी में ट्रांसफर को लेकर सरकार के एक्शन के क्रम में अब एक प्रधान सहायक भी निलंबित कर दिए गए. देर शाम तक दो और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

etv bharat
पीडब्ल्यूडी

By

Published : Jul 19, 2022, 5:49 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 9:32 PM IST

लखनऊ: दो दिन से पीडब्ल्यूडी के तबादलों को लेकर हुए विवाद की बड़ी परिणीति मंगलवार की शाम हो गई है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया. फिलहाल जांच पूरी होने तक मनोज कुमार मुख्यालय से संबंध रहेंगे. बहुत जल्द ही उनकी जगह नया विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग में तैनात किया जाएगा. इनके अलावा एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित को भी निलंबित करने का आदेश दिया गया है. इससे पहले दोपहर में प्रधान सहायक संजय चौरसिया को भी निलंबित करने का आदेश किया जा चुका है.

लोक निर्माण विभाग के तबादलों में हुए घोटाले को लेकर जो जांच के बाद सबसे पहले सोमवार की शाम पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर के ओएसडी को केंद्र वापस भेज कर उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति सरकार की ओर से की गई थी. जिसके बाद में कहा जा रहा था कि बहुत जल्द ही विभाग अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता पर भी एक्शन लिया जाएगा. आखिरकार मंगलवार की शाम एक्शन ले लिया गया. शासन स्तरीय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंगलवार की शाम पुष्टि की गई, उनका सस्पेंशन कर दिया जाए. जिसके बाद में प्रमुख सचिव की ओर से ही आदेश जारी किया गया. वहीं, प्रमुख अभियंता परिकल्प नियोजन राकेश कुमार सक्सेना और वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर ई 2 शैलेंद्र कुमार यादव को भी शासन ने निलंबित करने का फैसला किया है. राकेश कुमार सक्सेना जहां विभागाध्यक्ष स्तर के ही अधिकारी हैं. वही शैलेंद्र कुमार यादव अधीक्षण अभियंता स्तर के हैं.

गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी में ट्रांसफर को लेकर सरकार के एक्शन के क्रम में अब एक प्रधान सहायक भी निलंबित कर दिए गए. सैकड़ों अभियंताओं के गड़बड़ तबादलों में इस प्रधान सहायक का रोल बताया जा रहा है. एक जून को अपने पद से स्थानांतरित होने के बावजूद प्रधान सहायक पटल पर बना रहा था और ट्रांसफर संबंधित तमाम फाइलों में हस्तक्षेप करता रहा. जिसकी वजह से शासन ने उनको निलंबित कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव राजेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्थानान्तरण में की गई अनियमितता की शिकायतों की जांच के सम्बन्ध में गठित उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा की गयी संस्तुति में यह पाया गया कि प्रधान सहायक संजय चौरसिया अपने पटल पर 12 वर्ष पूर्ण करने की वजह से एक जून को दूसरी जगह स्थानान्तरित कर दिये गये थे. परन्तु वे अपने पूर्व पटल पर बने रहे. इनके द्वारा स्थानान्तरण में गम्भीर अनियमितताएं की गईं. इसलिए संजय कुमार चौरसिया को निलंबित किया गया है.

इसे भी पढ़ेंःयोगी कैबिनेट में 55 प्रस्ताव पास, 18 नई नगर पंचायतें बनेंगी

संजय चौरसिया के पटल से ही अवर अभियंताओं के तबादले होते थे. पीडब्ल्यूडी में सैकड़ों अवर अभियंताओं के गड़बड़ ट्रांसफर के पीछे चौरसिया का हाथ बताया जा रहा है. संजय चौरसिया पर आरोप है कि वे लगातार गड़बड़ियां कर रहे थे. इसी वजह से उनको हटाया गया. वहीं, इतना बड़ा प्रकरण हो जाने के बावजूद लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. जितिन प्रसाद को एसडी को हटाए जाने के बाद से ही शांत हैं. सूत्रों का कहना है कि विभागाध्यक्ष के निलंबित होने के बाद वह लखनऊ से दिल्ली रवाना हो गए हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jul 19, 2022, 9:32 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details