लखनऊ. राजधानी में डेंगू का प्रकोप जारी है. अभी तक महिला अस्पताल इससे बचा हुआ था, लेकिन डेंगू से दो गर्भवती महिलाओं (0 की प्रसव के बाद मौत हो गई. राजधानी के महिला अस्पतालों में डेंगू से बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस महिला रोग विशेषज्ञ रंजना खरे ने बताया कि अस्पताल में आ रही उन तमाम गर्भवती महिलाओं की एलाइजा जांच हो रही है, जिनको हल्का-फुल्का भी बुखार है.
उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200 से 250 महिलाएं अस्पताल में दिखाने के लिए आ रही हैं. जितनी भी गर्भवती महिलाएं रेगुलर अस्पताल में आती हैं, उनका नौ माह में चार बार अल्ट्रासाउंड और जरूरी जांचें होना अनिवार्य है. वहीं जो रेफर केस आते हैं उसमें ज्यादातर महिलाओं की जांच नहीं हुई होती है. तत्काल में अगर हम देखते हैं कि गर्भवती को बुखार है, शरीर तप रहा है तो तुरंत एलाइजा जांच कराते हैं. हाल फिलहाल में तीन गर्भवती महिलाओं की हमने एलाइजा जांच प्रसव से पहले कराई, क्योंकि उन्हें अंदर ही अंदर बुखार था. ऐसे में जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं समय समय पर अपनी जरूरी जांच कराती रहें, ताकि प्रसव के दौरान कोई दिक्कत न हो.
झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस ने गर्भवतियों को बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को डेंगू हो रहा है तो शुरुआती लक्षण में खाने का बिल्कुल भी मन नहीं करेगा. हो सकता है शरीर पर लाल रंग के चकत्ते भी पड़ें. प्लेटलेट्स कम होने से हालत गंभीर हो जाएगी, बीपी कम या ज्यादा की भी समस्या हो सकती है.