लखनऊ: बिजली चोरी के खिलाफ जब भी बिजली विभाग के अधिकारी अभियान चलाते हैं तो ग्रामीण इलाकों में काफी संख्या में बिजली चोरी पकड़ी जाती है. पर लखनऊ शहर की बिजली चोरी इस आंकड़े को भी धता बता रही है. यहां स्थिति यह है कि एक बार अधिकारी बिजली चोरी पकड़ते हैं और जब दोबारा कुछ दिन बाद उसी क्षेत्र में जाते हैं तो दोबारा बिजली के तार जुड़े हुए मिलते हैं.
संकरी गलियों के चलते पुराने लखनऊ के इलाकों में अभियान भी उतना प्रभावी नहीं बन पाता जिसका फायदा बिजली चोरी करने वाले लोग उठाते हैं. ये लोग बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए गए एरियल बंच कंडक्टर वायर जो कि प्लास्टिक कोटेड होता है, उसे जलाकर वहां से कनेक्शन जोड़ लेते हैं. इसके बाद भरपूर बिजली चोरी करते हैं जिससे बिजली आपूर्ति विभाग को लाखों का चूना लगता है.
इसका खुलासा हाल ही में कांबिंग अभियान (combing campaign) के दौरान हुआ. इस तरह की बिजली चोरी देख विभागीय अधिकारी भी सन्न रह गए. आसिफ नाम का उपभोक्ता इस दौरान बिजली चोरी करते हुए पकड़ा गया. दो किलोवाट के कनेक्शन में 23 किलोवाट भार से कमर्शियल फैक्ट्री चलाते हुए कॉम्बिंग अभियान के दौरान एक उपभोक्ता धरा गया. इसके अलावा इसी तरह की चोरी चौक इलाके में पकड़ी गई. मीटर बायपास और केबल काटकर घर रोशन करने वाले और गर्मी में एयर कंडीशन की ठंडी हवा लेने वाले ऐसे उपभोक्ताओं से बिजली विभाग अब जमकर वसूली कर रहा है.
एक दिन पहले ही पुराने लखनऊ में कैंपवेल रोड के आसपास जब बिजली विभाग ने अभियान चलाया तो मीटर बायपास कर रिक्वायर्ड आर्मर्ड केबल काटकर कई उपभोक्ता बिजली चोरी करते हुए रंगे हाथ धरे गए. मोहम्मद इदरीश, बनवारी सिद्दीकी, नाहिद फातिमा, मोहम्मद जुबेर कारी, अब्दुल और रुकसाना बाईपास करके और केबल कट करके बिजली चोरी करते धरे गए. ये सभी बिजली विभाग को चूना लगा रहे थे.
इसके अलावा अन्य इलाकों में भी 13 मीटर बायपास के मामले बिजली चोरी के पकड़ में आए. इनमें शफातउद्दीन, सुबाउद्दीन, फिरदौस जैदी, जाबिर हुसैन, इरशाद, मुख्तार उल हसन, नजमुल हसन, नईम उल हसन और रिजवान बाईपास करके बिजली विभाग को चूना लगा रहे थे. बिना कोई पैसा दिए ही चोरी की बिजली से लुत्फ उठा रहे थे. अब बिजली विभाग ने इन सभी उपभोक्ताओं पर शिकंजा कस दिया है. भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है.