लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एनएचएआई के सभी हाईवे प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों को जुलाई या फिर अगस्त के अंत तक हर हाल में जमीन उपलब्ध करानी होगी. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बुधवार को एनएचएआई के साथ हुई मीटिंग में जिलाधिकारियों से यह बात कही. मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा है कि सभी तरह की एनओसी से लेकर जमीन की उपलब्धता तक एनएचएआई को कहीं कोई दिक्कत हाई-वे निर्माण में नहीं आने दी जाएगी.
एनएचएआई की उत्तर प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार को समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि यूपी में सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है. आगे भी समय के साथ सड़क कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के माध्यम से चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को विभागीय समन्वय से दूर कर कार्यों को तेजी से पूरा किया जाएगा.
उन्होंने जिलाधिकारियों को नियत तिथि तक भूस्वामियों को मुआवजा दिलवाते हुये भूमि का हस्तान्तरण एनएचएआई को करवाने का निर्देश दिये. उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि जिलाधिकारियों के पास भूस्वामियों को मुआवजा वितरित करने के लिये पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये. जिससे कब्जा दिलाने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. अधिकांश जिलाधिकारियों ने 31 जुलाई व 31 अगस्त, 2022 तक एनएचएआई को मार्ग निर्माण के लिए सम्पूर्ण लम्बाई में भूमि का कब्जा दिलाने एवं भूस्वामियों को मुआवजे के वितरण का आश्वासन दिया.