लखनऊ : एलडीए की सुलभ आवास योजना के 110 फ्लैटों पर अवैध कब्जा पाया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण अब इन कब्जों को खाली भी करवा रहा है. सवाल है कि करीब 35 से 40 लाख रुपये बाजार कीमत के इन फ्लैटों पर कब्जे के लिए किसी भी अफसर को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया गया. इससे स्पष्ट है कि इस बड़े मामले में अफसरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि एलडीए की देखरेख में आवंटियों के साथ धोखा हुआ है और उनकी सुरक्षा को ताक पर रखा गया है. इस मामले लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने भी प्राधिकरण पर आरोप लगाते हुये कहा है कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए वरना उच्च स्तर पर एक्शन लिया जाएगा.
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और कार्यदायी संस्था सिंटेक्स के अधिकारियों के मिले बिना यहां अवैध कब्जे नहीं हुए. अवैध कब्जेदारों की कोई पहचान नहीं थी. अभी भी बड़ी संख्या में बरकरार हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण कब्जों को खाली कराने के दौरान रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ में कोई सहयोग नहीं ले रहा है. उन्होंने बताया कि सेक्टर 6 में ही कम से कम 200 आवासों पर अवैध कब्जा है.
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े महेश कुमार मिश्र ने बताया कि निश्चित तौर पर अफसरों की मिलीभगत से सुलभ आवासों में अनाधिकृत लोगों को बसाया गया. हम लोगों ने आवाज उठाई तो कुछ कब्जे जरूर खाली कराए गए हैं, लेकिन अभी भी कब्जे हैं. एक अन्य आवंटी नूरुल ने बताया कि हमारी अनेक समस्याएं हैं. जिनमें अवैध कब्जे भी शामिल हैं. ना केवल अवैध कब्जों को खाली कराना जरूरी है, बल्कि संबंधित अफसरों पर एक्शन भी लिया जाना चाहिए. वहीं लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि अवैध कब्जेदारों के साथ संबंधित अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए.