लखनऊ :देश के सबसे अधिक बेड वाले संस्थान केजीएमयू में दवाओं का संकट दूर होगा. जल्द ही यहां 5 हजार से अधिक दवाओं की रेट कांट्रेक्ट सूची फाइनल हो जाएगी. इसमें लेंस इम्प्लांट भी शामिल हैं. 5 हजार दवाओं की लिस्ट पहले से फाइनल है. ऐसे में मरीजों को दस हजार से अधिक सस्ती दवाएं मुहैया होंगी. 26 मई को 'ईटीवी भारत' ने दवाओं के संकट का मुद्दा उठाया था.
बाजार से नहीं खरीदने होंगे इम्प्लांट और लेंस :केजीएमयू में फ्रैक्चर के मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंप्लांट बाजार से खरीदने होते हैं. ऐसे ही आंखों के ऑपरेशन के लिए लेंस भी मार्केट से लेने होते हैं. अब संस्थान की फार्मेसी में ही लेंस और इम्प्लांट उपलब्ध होंगे. इसके लिए कंपनियों से रेट कांट्रेक्ट किया जा रहा है. यह बाजार दर से 40 से 60 फीसद तक सस्ते मिलेंगे.
सर्जिकल सामान और ब्रांडेड दवाएं :फार्मेसी में सभी विभागों का सर्जिकल सामान भी होगा. न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो सर्जरी, जनरल सर्जरी समेत अन्य ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सामान भी संस्थान के दवा काउंटर पर मिलेंगे. इसके अलावा सभी दवाएं ब्रांडेड होंगी. दवा कंपनी सीधे संस्थान को सप्लाई करेगी. इससे ये दवाएं व सर्जिकल सामान 40 से 80 फीसद तक सस्ती मिलेंगी.
4400 बेड, 950 करोड़ बजट :केजीएमयू में 4400 बेड की क्षमता है. यह देश में किसी भी अस्पताल में सर्वाधिक बेड हैं. संस्थान को हर साल में सरकार 950 करोड़ रुपये बतौर बजट मुहैया कराती है. इसमें 80 से 90 करोड़ की दवाएं अफसरों द्वारा खरीदी जातीं हैं.