लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत एक वृद्ध महिला को बेटे की मृत्यु का मुआवजा न दिए जाने पर सख्त रुख अपनाया है. न्यायालय ने महिला को एक सप्ताह में मुआवजा देने का आदेश पारित करते हुए, सम्बंधित इंश्योरेंस कम्पनी से पूछा है कि ढाई सालों से मुआवजा न दिए जाने के लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितम्बर की तिथि नियत करते हुए, न्यायालय ने सीनियर डिवीजनल मैनेजर का हलफ़नामा तलब किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने ज्ञानवती की याचिका पर पारित किया. याची का कहना था कि उसके बेटे की मृत्यु के पश्चात उसने उक्त योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया था, जो ढाई साल बीत जाने बाद भी उसे प्रदान नहीं किया गया है. न्यायालय ने पाया कि जिला स्तरीय कमेटी द्वारा याची के मुआवजे का अनुमोदन कर दिया गया था, बावजूद इसके न्यू इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी ने मुआवजा प्रदान नहीं किया.