लखनऊ: एसआईटी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष जानकारी दी गई कि लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence Case) मामले में कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जाने अभी बाकी हैं. लिहाजा उसे दो सप्ताह का समय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दिया जाए. हाईकोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए मामले को 6 जनवरी को सूचीबद्ध करने का आदेश इलाहाबाद होईकोर्ट ने दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर पारित किया. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने न्यायालय को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 17 नवम्बर 2021 के आदेश के अनुपालन में इस मामले में एसआईटी का पुर्नगठन किया गया था.
साथ ही एसआईटी को जांच तेजी से पूरी करके चार्जशीट दाखिल करनी है. अपर महाधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार जांच चल रही है. इस मामले में बड़ी संख्या में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अभी लिये जाने हैं.