उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

मरीज हुए परेशान, कर्मचारी और तीमारदारों के बीच में हुई झड़प

स्थानांतरण नीति को लेकर शासन और कोरोना योद्धाओं में ठन गई है. अफसर जहां नीति के आधार पर व्यापक फेरबदल को लेकर अड़े हैं. वहीं डॉक्टर और कर्मचारी इसे कोरोना काल में मनमानी करार दे रहे हैं. ऐसे में उन्होंने दूसरे दिन भी दो घण्टे काम अस्पतालों में ठप रखा, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

By

Published : Jul 10, 2021, 6:48 AM IST

Updated : Jul 10, 2021, 1:43 PM IST

health workers strike
health workers strike

लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण नीति को लेकर विरोध चरम पर है. आज भी स्वास्थ्य कर्मचारी सुबह आठ बजे से 10 बजे तक 2 घंटे कार्य का बहिष्कार किया. डॉक्टर-नर्स समेत डेढ़ दर्जन से अधिक संवर्ग के स्वास्थ्य कर्मी एकजुट हो गए हैं. शुक्रवार को सुबह 8 बजे से चिकित्सकों से लेकर वार्ड ब्वॉय तक ने काम ठप कर दिया था. ऐसे में ओपीडी से लेकर वार्ड तक मरीजों का हाल बेहाल रहा.

सिविल अस्पताल में गंभीर मरीज अस्पताल परिसर के स्ट्रेचर पर देखे गए, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. ओपीडी के बाहर लगभग डेढ़ सौ मरीज खड़े नजर आए. जबकि पर्चा काउंटर पर 200 से 300 मरीज थे. कार्य बहिष्कार के दौरान किसी भी मरीज को नहीं देखा गया, सभी बेहद परेशान रहे. शिवपुरम निवासी रामलखन पाल हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में डॉक्टर से इलाज कराने के लिए पहुंचे थे. वो सुबह 7 बजे पहुंचे थे और पर्चा बनवाकर ओपीडी के बाहर खड़े रहे. राम लखन पाल की सांस फूलने लगी लेकिन डॉक्टर अस्पताल में नहीं आए और कर्मचारियों ने मरीजों को ओपीडी के बाहर निकाल दिया.

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में मरीज हुए परेशान

दरअसल, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ व शासन के बीच सप्ताह भर से स्थानान्तरण नीति पर उठापटक चल रही है, अधिकारियों से बातचीत का कोई हल न निकलने के कारण डॉक्टर-स्वास्थ्य कर्मियों ने अब आर-पार की लड़ाई करने का मन बनाया है. कर्मचारियों ने शुक्रवार सुबह इमरजेंसी सेवा छोड़कर हर जगह काम ठप कर दी थीं. ऐसे में राजधानी के बलरामपुर, डफरिन, आरएलबी समेत अन्य जिला, महिला अस्पताल, सीएचसी में ओपीडी में सुबह पहुंचे मरीजों को इलाज नहीं मिला.

लखनऊ में मरीज और तीमारदार परेशान

शुक्रवार को दूर-दराज से लखनऊ आए मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. सैकड़ों मरीज अस्पताल की सेवाएं बाधित देखकर लौट गए. स्वास्थ्य महासंघ के महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि प्रदेशभर की पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल व महिला अस्पताल में दो घंटे का कार्य बहिष्कार चला. लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा कि सरकार कोरोना काल में कर्मियों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतण करे. नीति के आधार पर व्यापक फेरबदल से बचे. साथ ही बंद किए गए भत्ते तत्काल जारी किए जाएं.

दो घण्टे अस्पतालों में काम ठप

ये भी पढ़ें- आज होगा ब्लॉक प्रमुख पद का चुनाव, 476 पदों पर होगी जोर आजमाइश

अस्पतालों में शुक्रवार को दो घण्टे पैथोलॉजी जांच के सैम्पल नहीं लिए गए. मरीज लाइन में लगे रहे. स्थाई कर्मियों ने कई जगह संविदा कर्मियों को भी काम नहीं करने दिया. रेडियोलॉजी में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन की सेवाएं भी ठप रहीं. वहीं कुछ दिन पहले जांच कराए मरीजों की रिपोर्ट भी नहीं मिली. तमाम मरीज निजी केंद्रों पर जांच के लिए चले गए. आंखों की जांच नहीं हुई. डेंटल प्रोसीजर बंद रहे. वार्ड में भर्ती मरीजों को समय पर दवाएं नहीं मिलीं. वहीं दवाओं के काउंटर भी बंद रहे. इस दौरान अस्पतालों में पुलिस भी पहुंची. अधिकारियों ने समझाया लेकिन, महासंघ मांगों को लेकर अड़ा रहा.

लखनऊ में प्रदर्शन करते स्वास्थ्य कर्मचारी

स्थानान्तरण नीति के विरोध में पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग डिप्लोमा, फार्मासिस्ट एसोसिएशन, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश प्रयोगशाला प्राविधिक संघ, एक्सरे टेक्निशियन संघ, ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन, डार्करूम सहायक संघ, ईसीजी टेक्निशियन संघ, टेक्नीशियन संघ, टीबी मेल हेल्थ विजिटर संघ, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, यूपी प्रयोगशाला सहायक संघ, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ, प्रोविंशियल फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन, टीबी कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारी एकजुट हुए. प्रदेश भर के चिकित्सक-कर्मचारी 12 जुलाई को महानिदेशालय का घेराव करेंगे. इस दिन ओपीडी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी समेत आदि सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.

Last Updated : Jul 10, 2021, 1:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details