लखनऊ: ओडीओपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे पसंदीदा योजना है. सरकार का दावा है कि यह शुरू होने के मात्र चार साल में ही देश दुनिया में इसकी सफलता और लोकप्रयिता का परचम लहरा रहा है. केंद्र सरकार तो इस योजना की मुरीद है ही, अब तो इंडोनेशिया जैसे देशों में भी ये योजना लोकप्रिय हो रही है. यही वजह है कि प्रदेश सरकार अब इसे जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गई है. इन केंद्रों में अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब, डिजाइन स्टूडियो, पैकेजिंग, डिजाइनिंग एवं लेबलिंग, रॉ मैटेरियल बैंक की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. ओडीओपी उत्पादों के लिए इको सिस्टम बनाने के लिए सरकार की ओर से और भी कई पहल की गई है.
हर जिले में बनेंगे निर्यात विकास केंद्र:ओडीओपी उत्पादों की स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्यात कार्य योजना तैयार हो चुकी है. इसमें निर्यात की संभावनाओं को जिला स्तर पर एक्सप्लोर करने, उत्पादों को हर स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, कम पूंजी एवं न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर रोजगार के अधिक्तम अवसर उपलब्ध कराने, निर्यात के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी अवस्थापना, लॉजिस्टिक, वित्त पोषण आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
हर जिले में बनेगी निर्यात समिति:ओडीओपी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डीएम की अध्यक्षता में हर जिले में निर्यात समिति बनेगी. इसकी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है. हर जिले के ओडीओपी उद्यमियों को निर्यातोन्मुखी बनाये जाने, आवश्यक प्रोत्साहन और समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से जिला निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना भी की जा रही है. ओडीओपी उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी एवं निर्यातोन्मुखी बनाये जाने के उद्देश्य से शासन द्वारा संचालित निर्यातपरक योजनाओं को कई तरह की सुविधाएं दी रही है. मसलन गेट-वे पोर्ट तक निर्यात के लिए भेजे गये माल भाड़े की प्रतिपूर्ति, विपणन विकास सहायता योजना और वायुयान भाड़ा युक्तिकरण योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि की गयी है, साथ ही इन योजनाओं का सरलीकरण करते हुए उनको पूर्णतः ऑनलाईन बनाया गया है.
ऑनलाइन बाजार पर फोकस:दौर ऑनलाइन बाजार का है. युवा तो इसके प्रति क्रेजी हैं. उत्तर प्रदेश देश का सबसे युवा प्रदेश है. लिहाजा यहां ऑनलाइन बाजार की संभावनाएं और बढ़ जाती हैं. खरीददारों के साथ उद्यमियों को अपने उत्पाद की वैश्विक स्तर पर उपस्थित के लिए भी अधिक्तम ऑनलाइन प्लेटफार्म जरुरी है. इन जरूरतों को समझते हुए सरकार दिग्गज ई-कॉमर्स कम्पनियों, मसलन वॉलमार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ मेमोरेण्डम ऑफ अन्डरस्टैंडिंग (एमओयू) किया जा चुका है. एमओयू के अन्तर्गत प्रदेश के प्रमुख जिलों में वृद्धि वर्कशॉप का आयोजन करते हुए अधिकाधिक संख्या में ओडीओपी उद्यमियों के ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर पंजीकरण के साथ-साथ पोर्टल प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.