लखनऊ : बाइक कंपनियों ने 50 सीसी क्षमता वाले दो पहिया वाहनों का निर्माण करना बंद कर दिया है. जिसके चलते अब 16 साल की उम्र में दो पहिया वाहन चलाने की ख्वाहिश रखने वाले अभ्यर्थियों को लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं. लर्नर लाइसेंस तो ऑनलाइन जारी हो जा रहे हैं, लेकिन परमानेंट के लिये अभ्यर्थियों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. वजह है कि परमानेंट लाइसेंस तब तक जारी नहीं किया जा सकता जब तक अभ्यर्थी मौके पर साक्ष्य के तौर पर 50 सीसी तक की क्षमता वाले वाहन को प्रस्तुत नहीं कर देता है. अब समस्या है कि लाइसेंस बने भी तो कैसे जब कंपनियों ने 50 सीसी क्षमता वाली गाड़ियां बनाना ही बंद कर दी हैं. लिहाजा अब नाबालिग स्कूटी-बाइक नहीं चला सकेंगे. क्योंकि उन्हें लाइसेंस ही जारी नहीं हो पायेगा.
नाबालिग नहीं चला सकेंगे स्कूटी-बाइक, 16 साल में नहीं बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
बाइक कंपनियों ने 50 सीसी क्षमता वाले दो पहिया वाहनों का निर्माण करना बंद कर दिया है. जिसके चलते अब 16 साल की उम्र में दो पहिया वाहन चलाने की ख्वाहिश रखने वाले अभ्यर्थियों को लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं.
अधिकारी बताते हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस इस शर्त पर ही जारी किया जा सकता है, जब 16 साल से ऊपर उम्र के बच्चों के अभिभावक एक सर्टिफिकेट देते हैं कि 18 साल तक वह किसी भी कीमत पर अपने बच्चे को 50 सीसी से ज्यादा क्षमता वाले वाहन नहीं देंगे. सिर्फ यही नहीं आरटीओ कार्यालय में परमानेंट लाइसेंस के लिए 50 सीसी से कम क्षमता वाली बाइक को साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत करना अनिवार्य है. अगर ऐसा नहीं होता है तो लाइसेंस जारी नहीं हो सकता है.
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एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि 16 से 18 साल के माइनर बच्चों का लाइसेंस उनके माता-पिता की अनुमति से, उनकी सहमति से जारी किया जाता है. ऐसा वाहन जो बिना गियर हो और उसकी क्षमता 50 सीसी के नीचे हो, ऐसे वाहन के लिए ही लाइसेंस जारी हो सकता है. आवेदन पत्र पर लिखा होता है कि किस कैटेगरी का लाइसेंस बनता है, उस कैटेगरी का वाहन आपको लेकर आना होगा.
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