लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए औद्योगिक और अवस्थापना विभाग ने इसके लिए तैयारी कर ली है. जनवरी में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट-23 (जीआईएस) से पहले करीब 12 से अधिक नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है और नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी, वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक पॉलिसी और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी जल्द आएगी.
सीएम योगी ने बताया कि जीआईएस-23 के लिए 17 देशों सहित देश के सात बड़े शहरों में रोड शो भी होगा. बता दें कि सीएम योगी की प्रभावी नीतियों के कारण प्रदेश में पिछले 6 महीनों में 55 कंपनियों ने 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं. इसमें 20 कंपनियों ने जल्द भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया था और 5000 करोड़ की लागत से लगने वाली सात कंपनियों को भूमि आवंटित भी कर दी थी और अब शेष कंपनियों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है. जीआईएस-23 को लेकर औद्योगिक और अवस्थापना विभाग ने अब तक नीदरलैंड, कनाडा, इजराइल, यूएसए, जापान के उच्चायुक्तों से बैठक कर ली है और सितंबर के अंत तक मॉरिशस से भी बैठक हो जाएगी. इसके अलावा दुबई चेंबर ऑफ कॉमर्स, अमेरिकन चेंबर्स ऑफ कामर्स इन इंडिया और यूएस इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम से द्विपक्षीय वार्ता भी हो चुकी है.
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सीएम ने बताया कि प्रदेश में परंपरागत उद्योगों के साथ राइजिंग सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है. पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा निवेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में 94,632 करोड़ रुपए का हुआ. ऐसे ही 19,970 करोड़ रुपए के डेटा सेंटर सात निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें छह डेटा सेंटर पार्क बनेंगे और एक डेटा सेंटर यूनिट स्थापित होगी.
सीएम योगी के निर्देश पर अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश आईटी और स्टार्टअप नीति 2017, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2017 (UP Electronics Manufacturing Policy), उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2020, उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 और उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति 2021 बनाई गई थी. इन नीतियों का परिणाम यह हुआ कि अब तक कुल सात में से पांच प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है और एनओसी जारी कर दी गई है. जल्द ही दो अन्य डेटा सेंटर पर कैबिनेट में मुहर लगेगी.
योगी सरकार में पिछले साढ़े पांच साल में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपए के एमओयू हुए हैं, जिसमें तीन लाख 82 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 में 80,224 करोड़ की लागत से 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ. इससे प्रदेश में पांच लाख युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने में मदद मिलेगी.
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